Power Of Attorney Rule- पिछले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश में 102486 पावर ऑफ अटॉर्नी पंजीकृत कराए गई हैं. मुख्तारनामे की आड़ में अचल संपत्ति की अवैध खरीद-फरोख्त को देखते हुए सरकार ने अब पावर ऑफ अटार्नी पर भी स्टांप ड्यूटी लगा दी है.
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में अब पावर ऑफ अटॉर्नी (Power Of Attorney ) यानी मुख्तारनामे के आधार पर अचल संपत्ति बेचने पर रजिस्ट्री यानी सेल डीड की तरह बाजार मूल्य (सर्किल रेट) के अनुसार स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty On Power Of Attorney ) देनी होगी. पहले स्टांप शुल्क अदा नहीं करना होता था. हालांकि, अगर पारिवारिक सदस्य आपस में पावर ऑफ अटॉर्नी कराते हैं, तो उन्हें स्टांप शुल्क नहीं देना होगा और केवल 5,000 रुपये देकर वे मुख्तारनामे से रजिस्ट्री करा सकेंगे. दरअसल भू संपत्ति की अवैध खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. पिछले कुछ समय में राज्य में मुख्तारनामों के पंजीकरण की संख्या लगातार बढ़ रही है. खास तौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में मुख्तारनामे पर जमीनों का खूब लेन-देन हो रहा है.
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मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केबिनेट बैठक में मुख्तारनामे पर स्टांप शुल्क वसूलने का निर्णय लिया गया. अचल संपत्ति बेचने का अधिकार देने के लिए मुख्तारनामा किया जाता है. हालांकि इसका रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य नहीं है लेकिन इसकी प्रमाणिकता के लिए लोग इसका पंजीकरण कराते हैं. अचल संपत्ति के अवैध खरीद-फरोख्त का यह तगड़ा हथियार बन चुका है.
पारिवारिक सदस्यों को छूट
यदि परिवार के सदस्य आपस में मुख्तारनामा करते हैं, तो उन्हें स्टांप ड्यूटी की जगह पांच हजार रुपये ही अदा करने होंगे. जैसे पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्रवधु, पुत्री, दामाद, भाई, बहन, पौत्र पौत्री, नाती, नातिन को परिवार का सदस्य माना गया है.
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कितनी लगेगी फीस
मुख्तारनामों में बैनामों की तरह ही संपत्ति के बाजार मूल्य के हिसाब से स्टांप शुल्क लगेगा. कैबिनेट के फैसले में मुख्तारनामे पर नियम 23 खंड (क) के तहत स्टांप शुल्क देने को मंजूरी दी है. इसके मुताबिक इस समय रजिस्ट्री कराने पर महिला को दस लाख की राशि तक के बैनामे पर 4 तथा पुरुष को 5 प्रतिशत स्टांप शुल्क देना पड़ता है. विकसित क्षेत्र में यह शुल्क 7 प्रतिशत है. बैनामे पर लगने वाला स्टांप शुल्क ही मुख्तारनामे के रजिस्ट्रेशन पर लागू होगा.
अब तक लगते थे 50 रुपये
उत्तर प्रदेश में पांच से कम लोगों के नाम मुख्तारनामा होता था, वहां मात्र 50 रुपये का स्टांप शुल्क लगता था. दिल्ली में पावर ऑफ अटार्नी पर 3 प्रतिशत स्टांप शुल्क लगता है. कुछ अन्य राज्यों में भी मुख्तारनामे के रजिस्ट्रेशन पर स्टांप ड्यूटी वसूली जाती है.
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