नई दिल्ली. इन दिनों रेलवे की सुविधाओं को बेहतर बनाने के नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं. अब तक रेलवे पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण में था लेकिन अब कुछ स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. दरअसल, दुनिया के कई देशों में रेलवे को प्राइवेट कंपनियां मैनेज करती है. इसी तर्ज पर अब भारतीय रेलवे भी प्राइवेटाइजेशन की ओर बढ़ रहा है. इसके तहत एक रेलवे स्टेशन से इसकी पहल भी हो चुकी है.
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बता दें कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन को रिडेवलपमेंट के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी PPP मॉडल के तहत दिया गया है. रेलवे स्टेशन के रिडेवलपमेंट के लिए एक डेवलपर संघ को चुना गया है. इस रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है.
जर्मनी के रेलवे स्टेशन की तर्ज पर होगा तैयार
भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन को प्राइवेट हाथों में सौंपने के बाद जर्मनी के Heidelberg रेलवे स्टेशन की तर्ज पर विकसित किया गया है. इस रेलवे स्टेशन के कमर्शियल डेवलपमेंट को 45 साल के लीज पीरियड पर दिया गया है. वहीं इस समय रेलवे स्टेशन का ऑपरेशन एंड मेंटनेंस भी प्राइवेट कंपनी के पास ही है. हालांकि, इसकी अवधि कुल आठ साल की है, जिसमें तीन साल की कंस्ट्रक्शन अवधि और पांच साल की बाद की अवधि शामिल है.
इसी मॉडल से तैयार होंगे ये स्टेशन
दरअसल, इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन इस समय 8 रेलवे स्टेशनों का रिडेवलपमेंट कर रहा है. इनमें चंडीगढ़, भोपाल का हबीबगंज, पुणे का शिवाजीनगर, नई दिल्ली के बिजवासन, आनंद विहार, गुजरात का सूरत, पंजाब का एसएएस नगर (मोहाली) और गुजरात का गांधीनगर शामिल है. हालांकि, हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम अब बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया है.
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प्राइवेट स्टेशनों मिलेगी ये सुविधाएं
जिन रेलवे स्टेशनों का प्राइवेटाइजेशन किया जा रहा है, उन पर यात्रियों को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन जैसी सुविधाएं मिलने का दावा किया जा रहा है. इन स्टेशनों पर रेस्तरां, शॉपिंग स्टोर, केटरिंग शॉप व पार्किंग आदि सुविधाएं मिलेंगी. इसके अलावा महिला यात्रियों के लिए भी अलग से विशेष सुविधाएं दी जाएंगी. बता दें कि इन स्टेशनों पर नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर दिया गया है. साथ ही इन स्टेशनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग की भी विशेष व्यवस्था होगी.