Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा गठबंधन में दरार अब बढ़ने लगा है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे (Shrikant Shinde) ने कहा कि कुछ स्थानीय भाजपा नेता हैं जो स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं.
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मुंबई: महाराष्ट्र में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक नहीं है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं. बात इतनी बढ़ गई है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के बेटे और कल्याण के सांसद श्रीकांत शिंदे (Shrikant Shinde) ने शुक्रवार को इस्तीफे की पेशकश कर दी. श्रीकांत शिंदे ने बीजेपी के कुछ नेताओं पर शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को कमजोर करने और स्वार्थ की राजनीति करने का आरोप लगाया है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक श्रीकांत शिंदे ने कहा, ‘डोंबिवली के कुछ नेता अपनी स्वार्थी राजनीति के लिए गठबंधन (भाजपा-शिंदे गुट) गठबंधन के लिए बाधाएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. मुझे किसी पद की लालसा नहीं है. भाजपा-शिवसेना का वरिष्ठ नेतृत्व जो भी उम्मीदवार तय करेगा, मैं उसका समर्थन करूंगा. हमारा लक्ष्य फिर से भाजपा-शिवसेना गठबंधन बनाना है और केंद्र में भाजपा के साथ सरकार बनाना है. हम इस दिशा में जो काम कर रहे हैं, अगर कोई इसका विरोध करता है, अगर कोई नाराज है और गठबंधन में कोई गड़बड़ी होती है, तो मैं अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं.’
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किस बात को लेकर श्रीकांत शिंदे ने यह बयान दिया?
उनकी यह टिप्पणी स्थानीय भाजपा नेताओं द्वारा आगामी लोकसभा चुनावों में एकनाथ शिंदे की शिवसेना को समर्थन नहीं देने का प्रस्ताव पारित करने के एक दिन बाद आई है. यह प्रस्ताव भाजपा के कैबिनेट मंत्री रवींद्र चव्हाण की उपस्थिति में कल्याण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आयोजित एक बैठक के दौरान किया गया था. महाराष्ट्र में गठबंधन करने वाली दोनों पार्टियों के बीच दरार की वजह भाजपा के डोंबिवली पूर्वी मंडल के अध्यक्ष नंदू जोशी के खिलाफ दर्ज छेड़छाड़ का मामला माना जा रहा है. इससे पहले एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद संयुक्त बयान में कहा था कि भाजपा और शिवसेना महाराष्ट्र में आगामी सभी चुनाव, जिसमें नगरीय और स्थानीय निकाय, विधानसभा और लोकसभा चुनाव शामिल हैं, गठबंधन में लड़ेंगी.
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‘किसी पद की आकंक्षा नहीं, ‘मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार’
प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिंदे ने कहा कि ‘पार्टी 2024 में एक बार फिर नरेंद्र मोदी को इस देश के प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है. हम इसके लिए कड़ी मेहनत करेंगे. लेकिन, कुछ तुच्छ कारणों से, डोंबिवली में कुछ नेताओं द्वारा शिवसेना-भाजपा गठबंधन में स्वार्थ की राजनीति जारी रखी जा रही है.’ श्रीकांत शिंदे ने हालांकि स्पष्ट किया कि दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेतृत्व के बीच कोई गलतफहमी नहीं है. उन्होंने कहा कि शिवसेना का लक्ष्य केंद्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन और राज्य में गठबंधन की सरकार बनाना है. महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने 45 सीटों पर जीत हासिल की थी.