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Pakistan Economy: रोटी को मोहताज पाकिस्तान के लिए आई खुशखबरी! गिरती अर्थव्यवस्था बचाने के लिए अब नहीं करना पड़ेगा ये काम

Pakistan Currency: पाकिस्तान (Pakistan) के लिए खुशखबरी है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ 6.7 अरब डॉलर के बेलआउट प्रोग्राम (Bail Out Program) को एक बार फिर शुरू करने के खातिर चल रही वार्ता के बीच फिच रेटिंग्स ने कहा है कि इसकी संभावना अब नहीं है कि पाकिस्तान को फिर से अपनी करेंसी का अवमूल्यन करना पड़ेगा क्योंकि पाकिस्तानी रुपये पर प्रेशर कम हो गया है. फिच में हांगकांग स्थित एक डायरेक्टर कृजनिस क्रस्टिन्स ने कहा कि अब हमें पाकिस्तानी रुपये में बड़े अवमूल्यन की उम्मीद नहीं है.

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पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर!

क्रस्टिन्स ने ब्लूमबर्ग की तरफ से भेजे गए सवालों के जवाब में कहा कि करेंसी पिछले कुछ महीनों में बहुत स्थिर रही है, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान पर दबाव भी था, जो करेंसी का समर्थन करने के लिए न्यूनतम हस्तक्षेप का सुझाव देता है. मल्टी लैटेरल लेंडर ने कहा कि वह बेलआउट प्रोग्राम को फिर से स्टार्ट करने से पहले अपने मनी मार्केट और अन्य मुद्दों को ठीक करने के लिए अफसरों के साथ काम कर रहा है, जो इस महीने खत्म होने वाला है.

करेंसी में आई 20 फीसदी की गिरावट

जियो न्यूज़ ने बताया कि जनवरी में अधिकारियों की तरफ मुद्रा का अवमूल्यन करने के बाद पाकिस्तानी रुपये में इस साल 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जिससे यह ग्लोबल लेवल पर सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में से एक बन गया है.

कैसे संभलेगी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था?

पिछले 12 महीनों में 50 फीसदी से ज्यादा गिरने के बाद फरवरी के आखिर से पाकिस्तान का डॉलर भंडार करीब 4 बिलियन डॉलर पर स्थिर बना हुआ है. आपूर्ति की कमी से घिरी इकोनॉमी को सहारा देने और अरबों डॉलर के कर्ज भुगतान के साथ संप्रभु डिफॉल्ट को टालने के लिए धन अहम होगा.

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क्रस्टिन्स ने कहा कि हम मानते हैं कि आईएमएफ और पाकिस्तान जारी कार्यक्रम की समीक्षा आईएमएफ के बजट पर स्पष्टता के बाद खत्म कर सकते हैं. हालांकि, इसके लिए विंडो तेजी से बंद हो रही है, जून में खत्म होने वाले कार्यक्रम के साथ, और अक्टूबर महीने तक होने वाले चुनावों में तत्काल प्रगति की संभावना नहीं है.

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