Ayodhya Ram Temple: पीएम मोदी की मौजूदगी में राम मंदिर का उद्घाटन होगा. जानकारी के मुताबिक, 14 से 26 जनवरी 2024 के बीच किसी भी दिन राम मंदिर का उद्घाटन हो सकता है. इसी के साथ भक्तों का सदियों का इंतजार खत्म हो जाएगा.
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यूपी के अयोध्या में राम मंदिर बनने का इंतजार भक्त बेसब्री से कर रहे हैं. मंदिर का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है. समय-समय पर राम मंदिर की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. अब खबर आई है कि जनवरी 2024 तक राम मंदिर का भूतल बनकर तैयार हो जाएगा और 2024 में मकर संक्रांति के बाद राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा. रामलला की गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इसे लेकर पीएम मोदी को न्योता भेजेगा. बताया जा रहा है कि पीएम मोदी की मौजूदगी में राम मंदिर का उद्घाटन होगा. जानकारी के मुताबिक, 14 से 26 जनवरी 2024 के बीच किसी भी दिन राम मंदिर का उद्घाटन हो सकता है. इसी के साथ भक्तों का सदियों का इंतजार खत्म हो जाएगा.
दो अतिरिक्त मूर्तियों का ऐसे होगा इस्तेमाल
दूसरी ओर, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला की दो एक्स्ट्रा मूर्तियों को मंदिर परिसर में ही बेहतर जगहों पर इस्तेमाल करने का फैसला किया है, ताकि उनकी पवित्रता बनी रहे. अयोध्या में तराशी जा रही रामलला की तीन मूर्तियों में से सर्वश्रेष्ठ को ही मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा.
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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामलला की बाकी दो मूर्तियों को स्थापित करने के लिए जगह को अंतिम रूप देने के लिए विभिन्न पुजारियों से परामर्श कर रहा है. ट्रस्ट के एक सदस्य ने कहा, रामलला की बाकी बची दो मूर्तियों को मंदिर के बाहर नहीं भेजा जाएगा. उन्हें पूरे सम्मान के साथ मंदिर परिसर के भीतर एक बेहतर स्थान पर स्थापित किया जाएगा.
ट्रस्ट के सदस्य के अनुसार, मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल पर एक-एक मूर्ति स्थापित की जा सकती है. सदस्य ने कहा, राम मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल समान रूप से शानदार होगी. वे रामलला की बाकी दो मूर्तियों के लिए सही स्थान हो सकते हैं.
अयोध्या की बदलती सूरत
इसके अलावा, अयोध्या में हो रहे राम मंदिर के निर्माण के साथ अयोध्या को पूरी तरीके से बदलने की तैयारी भी पूरी हो चुकी है. एक तरफ जहां पुराने अयोध्या को नया करने के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन पूरी कवायद के साथ जुटा है, वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट और मल्टी लेवल पार्किंग पर भी काम हो रहा है.
इतने पुराने शहर अयोध्या को कभी भी नए सिरे से बसाने की योजना लागू नहीं की गई थी. लेकिन राम मंदिर बनने के आदेश के बाद से ही अयोध्या की तस्वीर को बदलने की कवायद शुरू हो चुकी है. इसमें नगर निगम सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट पर पूरा फोकस कर रहा है.
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सरयू नदी में गिरने वाले लिक्विड वेस्ट को पूरी तरीके से बंद कर दिया गया है और अब उसके निस्तारण के लिए नगर निगम ने कई योजनाओं को लागू कर दिया है जिसमें कई एसटीपी प्लांट लगाए जा रहे हैं जिनके जरिए पूरे अयोध्या नगर का लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए डिस्पोज किया जाएगा.