मोदी सरकार (Modi Government) सौर ऊर्जा के उत्पादन (Production of Solar Energy) को बढ़ावा देने के लिए बहुत जल्द ही एक नई नीति (New Solar Policy) का ऐलान करने जा रही है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए आम लोगों को सस्ती दरों पर कर्ज (Loans) मुहैया कराने के प्लान पर काम कर रही है. भारत सरकार इस क्षेत्र को भी प्राथमिक कर्ज वाले क्षेत्रों में शामिल कर सकती है.
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नई दिल्ली. मोदी सरकार (Modi Government) सौर ऊर्जा के उत्पादन (Production of Solar Energy) को बढ़ावा देने के लिए बहुत जल्द ही एक नई नीति (New Solar Policy) का ऐलान करने जा रही है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए आम लोगों को सस्ती दरों पर कर्ज (Loans) मुहैया कराने के प्लान पर काम कर रही है. भारत सरकार इस क्षेत्र को भी प्राथमिक कर्ज वाले क्षेत्रों में शामिल कर सकती है. सौर ऊर्जा से जुड़े कारोबारियों की मानें तो केंद्र सरकार बहुत जल्द ही एक नई नीति पर दिशा-निर्देश जारी कर सकती है. बता दें कि केंद्रीय ऊर्जा विभाग मौजूदा समय में सोलर मॉड्यूल के उत्पादकों के लिए आसान और सस्ती दरों पर कर्ज मुहैया कराने पर पिछले कई महीनों से काम कर रही थी. इसके तहत आम लोगों को आसान दरों पर कर्ज देने का भी एक प्लान था. इससे छोटे और मझोले कारोबारियों को भी बहुत फायदा पहुंचेगा.
बता दें कि देश में अभी तक सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आसान शर्तों पर कर्ज मिलना आम लोगों के लिए बड़ी चुनौती थी. अब केंद्रीय वित्त मंत्रालय इसको लेकर सरकारी बैंकों को निर्देश जारी करने जा रही है. इसके बाद माना जा रहा है कि सरकारी बैंकों से सौर ऊर्जा का प्लांट लगाने के लोगों को लोन आसान दरों पर मिलने लगेगा.
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यूपी, बिहार जैसे राज्यों में बिजली उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं चल रही हैं. (तस्वीर: Canva)
सोलर ऊर्जा को लेकर आ रही है नई नीति
गौरतलब है कि कर्ज का 60 फीसदी हिस्सा गैर बैंकिंग वित्तिय संस्थानों यानी एनबीएफसी के जरिए दिया जाता है. इसके साथ ही पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन भी सोलर प्लांट लगाने वाले कारोबारियों को कर्ज देते हैं, लेकिन सरकारी बैंकों का हिस्सा इस दिशा में काफी कम होता है. इससे कारोबारियों को लिए गए कर्ज पर ऊंचा ब्याज दर देना पड़ता है, जिससे लागत काफी बढ़ जाती है. कारोबारियों की मानें तो लागत बढ़ जाने से बाजार में आने वाले उत्पादों की कीमतें बढ़ी हुई रहती है और वह पिछड़ जाते हैं. ऐसे में केंद्र सराकर के निर्देश पर बैंकों की तरफ से सोलर पैनल बनाने वाली कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारी की गई है, जिससे सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाले कारोबारियों को सहुलियत हो.
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सोलर पैनल लगाना हो जाएगा आसान
यूपी, बिहार, राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में बिजली उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं चल रही हैं. यूपी की योगी सरकार तो सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लिए पूरे राज्य में 18 सोलर सिटी का निर्माण करने का ऐलान कर दिया है. पहले चरण में नोएडा और अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का प्लान है.
इसी तरह बिहार सरकार भी सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए राज्य में कई तरह की स्कीम लेकर आई है. बिहार ऊर्जा विभाग ने ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा से लैस करने का काम शुरू किया है. इस योजना के तहत दिसंबर 2023 तक 10 मेगावाट की सौर बिजली उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा. बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस के मुताबिक, ‘साउथ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने अबतक 4439 उपभोक्ताओं में से 513 उपभोक्ताओं के घरों में पैनल लगा लिए हैं. जिससे उनकी बिजली उत्पादन क्षमता 2 मेगावाट से अधिक हो गई है.