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बाबा अमरनाथ की यात्रा में कैसे हो रही श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सेना ने बताया पूरा प्लान

Amarnath yatra: अमरनाथ यात्रा को लेकर सेना के सेक्टर-3 राष्ट्रीय राइफल कमांडर ब्रिगेडियर अतुल राजपूत ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है, जिनमें पहाड़ियों पर सुरक्षा, यात्रा मार्ग पर स्वच्छता और 24 घंटे रात्रि में देखने में सक्षम उपकरणों की मदद से यात्रा मार्ग की निगरानी शामिल है. सेना के विशेष बल यात्रा के मार्ग में संवेदनशील स्थानों से निगरानी कर रहे हैं. हमने स्नाइपर, ड्रोन रोधी प्रणाली, बम निरोधक दस्ते और खोजी कुत्तों के दस्ते भी तैनात किए हैं.

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श्रीनगर. बर्फीले पहाड़ों से होकर गुजरने वाली देश की सबसे मुश्किल सालाना तीर्थयात्राओं में से एक अमरनाथ यात्रा शुरू हो चुकी है. जिन रास्तों से यह यात्रा गुजरती है वहां आतंकी खतरों की भी आशंका रहती है और इसी को लेकर भारतीय सेना ने तीर्थ यात्रियों के लिए एक मजबूत सुरक्षा चक्र तैयार किया है. अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित संपन्न कराने के लिए कमांडो, ड्रोन रोधी प्रणाली, बम निरोधक दस्ते और खोजी कुत्तों के दस्ते की तैनाती के साथ सेना के जवानों की चप्पे-चप्पे पर तैनाती के साथ पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं.

अमरनाथ यात्रा में चौकस सुरक्षा इंतजामों को लेकर सेना की ओर से कहा गया है कि वार्षिक अमरनाथ यात्रा बालटाल और पहलगाम के रास्ते से शुरू हो गई है. बालटाल मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में स्थित है, जबकि पहलगाम दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में है. सेना के सेक्टर-3 राष्ट्रीय राइफल कमांडर ब्रिगेडियर अतुल राजपूत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘भारतीय सेना पारंपरिक रूप से यात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने में शामिल रही है. इस वर्ष भी सेना ने अन्य सभी हितधारकों के साथ मिलकर अमरनाथ यात्रा के लिए मजबूत और एक्टिव सुरक्षा ग्रिड तैयार की है.’

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चप्पे चप्पे पर चौकस सुरक्षा इंतजाम
उन्होंने कहा कि सेना ने बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है, जिनमें पहाड़ियों पर सुरक्षा, यात्रा मार्ग पर स्वच्छता और 24 घंटे रात्रि में देखने में सक्षम उपकरणों की मदद से यात्रा मार्ग की निगरानी शामिल है. राजपूत ने बताया कि सेना के विशेष बल यात्रा के मार्ग में संवेदनशील स्थानों से निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने स्नाइपर, ड्रोन रोधी प्रणाली, बम निरोधक दस्ते और खोजी कुत्तों के दस्ते भी तैनात किए हैं ताकि सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके.’

अमरनाथ यात्रियों के लिए सेना ने लगाए तंबू
ब्रिगेडियर राजूपत ने कहा कि सेना ने कई यात्री शिविर भी बनाए हैं, जिनमें पर्याप्त संख्या में तंबू की सुविधा है ताकि श्रद्धालुओं के रुकने की अतिरिक्त सुविधा प्रदान की जा सके. उन्होंने कहा, ‘हमने आपात चिकित्सा या अन्य जरूरत पड़ने पर हवाई मार्ग से लोगों को ले जाने के लिए कई स्थानों पर हेलीपैड भी बनाए हैं.’

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कई टीमों के साथ किया समन्वय
ब्रिगेडियर राजपूत ने कहा कि प्रयासों में तालमेल बिठाने के लिए पूर्ण समायोजित दृष्टिकोण का पालन किया गया है और सेना ने नागरिक एजेंसियों और विभिन्न एजेंसियों की प्रशिक्षित पर्वत बचाव और हिमस्खलन बचाव टीमों के लिए विशेषज्ञता की पेशकश की है. सेनाधिकारी ने कहा ‘इसके अलावा हमने जरूरत पड़ने पर सुचारु और सफल बचाव अभियान को अंजाम देने के लिए संयुक्त पूर्वाभ्यास किया है.’

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