Vedanta share Price Foxconn से करार रद्द होने के बाद के आज के कारोबारी सत्र में वेदांता के शेयर में बड़ी गिरावट देखने को मिली। फॉक्सकॉन के जाने के बाद वेदांता की ओर से कहा गया है कि वे ज्वाइंट वेंचर में पूरी हिस्सेदारी खरीद लेंगे। सरकार द्वारा कहा गया है कि फॉक्सकॉन के जाने से भारत के सेमीकंडक्टर बनाने के लक्ष्य पर कोई असर नहीं होगा।
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नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सेमीकंडक्टर बनाने के लिए फॉक्सकॉन के साथ हुए करार के टूटने के बाद मंगलवार को वेदांता के शेयर में गिरावट देखने को मिली। बीएसई पर शेयर कल की क्लोजिंग प्राइस 282.25 के मुकाबले 2.6 प्रतिशत गिरकर 274.90 रुपये प्रति शेयर पर खुला। हालांकि, बाद में शेयर रिकवर करके 12 बजे 1.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 278.70 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ तोड़ा करार
10 जुलाई, 2023 को फॉक्सकॉन की ओर से एलान किया गया था कि सेमीकंडक्टर बनाने के लिए हुए वेदांता के साथ हुए ज्वाइंट वेंचर में वह अब आगे नहीं बढ़ रहा है।
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रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि भारत की सरकार की ओर से अप्रूवल में देरी के कारण फॉक्सकॉन ने इस ज्वाइंट वेंचर से बाहर निकलने का फैसला किया है। कंपनी की ओर सरकार से मांगे गए इंसेंटिव के अनुरोध पर इस प्रोजेक्ट की लागत को लेकर कई सवाल उठाएं गए थे।
वेदांता ने जारी किया बयान
वेदांता की ओर से करार टूटने के बाद बयान जारी कर कहा गया कि वे इस प्रोजेक्ट को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हम अपनी सेमीकंडक्टर टीम को बढ़ाना जारी रखेंगे। हमारे पास एक प्रमुख आईडीएम से 40 एनएम की प्रोडक्शन ग्रेड टेक्नोलॉजी का लाइसेंस भी है।
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वेदांता की ओर से यह भी कहा गया कि वे डिस्प्ले और सेमीकंडक्टर बनाने के लिए बनाए गए ज्वाइंट वेंचर में पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद लेंगे।
केंद्र सरकार में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर की ओर से कहा गया कि फॉक्सकॉन के वेदांता के साथ करार तोड़ने से भारत के सेमीकंडक्टर बनाने के लक्ष्य पर कोई असर नहीं होगा। इससे दोनों कंपनियां स्वतंत्र तरीके से भारत में सेमीकंडक्टर बनाने की स्ट्रेटेजी पर काम कर सकेंगी।