All for Joomla All for Webmasters
बिज़नेस

Income Tax Return Filing: ITR फाइल करते समय किन बातों का रखें ध्यान कि मिले मैक्सिमम रिफंड, जानें- यहां

Income Tax Return Filing: ITR फाइल आपके कानूनी दायित्व के साथ भुगतान किए गए एडिशनल टैक्स का रिफंड पाने का एक अवसर भी है.

Income Tax Return Filing Tips in Hindi: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना न केवल एक कानूनी दायित्व है, बल्कि पेमेंट किए गए एडिशनल टैक्सेज पर रिफंड का क्लेम करने का एक अवसर भी होता है. मैक्सिमम संभव रिफंड पाने के लिए कुछ स्ट्रैटेजीज को अपना सकते हैं.

ये भी पढ़ेंGold Rate Today: सोना हुआ सस्ता, लेकिन चांदी का रेट सपाट; चेक कर लें ताजा रेट्स

आइए, यहां पर समझते हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय आप क्या तरीके अपनाकर ज्यादा से ज्यादा रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं?

फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स को व्यवस्थित करें

इससे पहले कि आप अपना ITR तैयार करना शुरू करें, सभी जरूरी फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स, जैसे फॉर्म 16, सैलरी स्लिप, बैंक डीटेल्स, इन्वेस्टमेंट प्रूफ, किराए की रसीदें (यदि लागू हो), और अपनी इनकम और एक्सपेंसेज से संबंधित कोई भी अन्य डॉक्यूमेंट जुटा लें. इन डॉक्यूमेंट्स को व्यवस्थित करने से आपको अपनी इनकम की सही रिपोर्ट करने और की गई कटौती को क्लेम करने में मदद मिलेगी.

सभी योग्य कटौतियों और क्रेडिट का क्लेम करें

अपने रिफंड को मैक्सिमम करने के लिए, यह सुनिश्चित करें कि आप उन सभी कटौतियों और क्रेडिट का क्लेम कर रहे हैं, जिनके लिए पात्र हैं. सामान्य कटौतियों में धारा 80सी, धारा 80डी (स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए), और धारा 24(बी) (होम लोन ब्याज के लिए) शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, यदि आपने पात्र धर्मार्थ संस्थानों को दान दिया है, तो आप धारा 80जी के तहत कटौती का क्लेम कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें ITR Refund: 2 तरीकों से ऑनलाइन चेक करें रिफंड का स्टेटस, लगेंगे 2 मिनट, कोई दिक्‍कत होगी तो चल जाएगा पता

घाटे और सेट-ऑफ़ का ट्रैक रखें

यदि आपको इन्वेस्टमेंट या असेट्स की बिक्री से कैपिटल लॉस हुआ है तो तो इन हानियों की रिपोर्ट करना और उन्हें आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है. कैपिटल लॉस को बाद के वर्षों में कैपिटल बेनिफिट्स से एडजस्ट किया जा सकता है, जिससे आपकी ओवरऑल टैक्स लायबिलिटी कम हो जाएगी. यह सुनिश्चित करें कि आप भविष्य में मैक्सिमम लाभ का क्लेम करने के लिए इन लॉसेज का सही रिकॉर्ड बनाए रखें.

धारा 10 की छूटों पर ध्यान दें

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10 कुछ इनकम पर कई तरह के छूट प्रदान करती है. उदाहरण के लिए, यदि आपको अपने वेतन के हिस्से के रूप में हाउस रेंट अलाउंस (HRA) मिलता है, तो आप धारा 10(13ए) के तहत छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं. इसी तरह, कुछ अलाउंसेज, जैसे ट्रैवेल अलाउंस भत्ते और मेडिकल अलाउंस, को भी टैक्सेशन से छूट दी जा सकती है. इन छूटों को समझना और उनका उपयोग करना आपकी टैक्स लायबिलिटी और संभावित रिफंड पर काफी असर डाल सकता है.

ये भी पढ़ें– क्रेडिट और डेबिट कार्ड भी हो सकेंगे पोर्ट, RBI ने कहा- ग्राहकों को मिले अधिकार, होंगे ये बड़े फायदे

प्रोफेशनल एडवाइज लें

अपना आयकर रिटर्न फाइल करना मुश्किल हो सकता है, खासकर जब आप अपने रिफंड को मैक्सिमम करने का टार्गेट रखते हैं. किसी योग्य टैक्स प्रोफेशनल या चार्टर्ड अकाउंटेंट की सेवाएं लेना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. उनके पास टैक्स लॉज के बारे में ज्यादा जानकारी होती है और वे आपको प्रासेस के माध्यम से गाइड कर सकते हैं. यह सुनिश्चित करते हुए कि आप सभी योग्य कटौती, क्रेडिट और छूट का क्लेम करते हैं, जिससे आप मैक्सिमम संभव रिफंड ले सकते हैं.

गौरतलब है कि जब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की बात आती है, तो सही तरीके से स्टेप लेने से महत्वपूर्ण बचत हो सकती है और आपका रिफंड मैक्सिमम हो सकता है. अपने फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स को व्यवस्थित करके, योग्य कटौतियों और क्रेडिट का क्लेम करके, नुकसान का हिसाब रखकर, धारा 10 छूटों का उपयोग करके और पेशेवर सहायता प्राप्त करके, आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपको अपने ITR पर मैक्सिमम रिफंड प्राप्त हो.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top