ऑनलाइन विवाद समाधान मंच एक स्वतंत्र तकनीकी मंच होगा जो बीमा या म्यूचुअल फंड जैसे वित्तीय उत्पाद और सेवाएं बेचने वाली किसी भी कंपनी से जुड़ा नहीं होगा.
नई दिल्ली. बाजार में कई सारे निवेश विकल्प मौजूद हैं. फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स से जुड़ी कई कंपनियां ग्राहकों से बड़े-बड़े वादे करती हैं. आकर्षक रिटर्न के चक्कर में लोग अक्सर गलत बिक्री का शिकार हो जाते हैं. जब निवेशक गलत तरीके से बेचे गए उत्पाद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की कोशिश करता है, तो वित्तीय उत्पाद बेचने वाला अपना पल्ला झाड़ लेता है और निवेशक के सामने एकमात्र सहारा निवेशक सुरक्षा हेल्पलाइन के आईवीआर पर शिकायत दर्ज करना ही बचता है.
इन हेल्पलाइनों में अक्सर रोबोटिक ऑटोमैटेड रिस्पॉन्सेस के साथ इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पांस (IVR) सिस्टम होते हैं जो थोड़ी राहत देते हैं. ऐसी स्थिति में, ग्राहक या तो ऑटोमैटिक आईवीआर के दलदल में खो जाता है या ऑफिसों और बैंकों के चक्कर लगाता रहता है. लेकिन अब ग्राहकों को बहुत जल्द इन सब से निजात मिलने वाली है. सरकार ऑनलाइन विवाद समाधान प्लेटफॉर्म स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है, जहां शिकायतें दर्ज करना और शिकायत का समाधान प्राप्त करना आसान होगा.
सरकार तैयार कर रही नया प्लान
विशेषज्ञों के अनुसार, ऑनलाइन विवाद समाधान मंच एक स्वतंत्र तकनीकी मंच होगा जो बीमा या म्यूचुअल फंड जैसे वित्तीय उत्पाद और सेवाएं बेचने वाली किसी भी कंपनी से जुड़ा नहीं होगा. निकाय एक लाइसेंस प्राप्त नियामक होगा – जिसे ऐसे मामलों को निपटाने का अधिकार दिया जाएगा. ऐसे प्लेटफॉर्म ब्लॉकचेन, एआई, मशीन लर्निंग और स्मार्ट केस मैनेजमेंट जैसी आधुनिक तकनीकों की मदद से निवेशकों के लिए जीवन आसान बना देंगे.
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समिति का किया गया गठन
देश में ऑनलाइन विवाद समाधान का चलन तेजी से जोर पकड़ रहा है. PhonePe और UPI के बाद बाजार नियामक सेबी ने भी हाल ही में अपना ऑनलाइन विवाद समाधान प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है. भारत सरकार ने पूर्व कानून सचिव टीके विश्वनाथन के तहत एक समिति का गठन किया है, जो ऑनलाइन विवाद समाधान मंच पर तेजी से काम कर रही है. ताकि निवेशकों को उनके मामलों की निष्पक्ष सुनवाई मिल सके.