Israel-Hamas War News:इजराइल ने गाजा पर शासन करने वाले इस्लामिक चरमपंथी समूह हमास के खिलाफ एक अभूतपूर्व हमले का संकल्प लिया है, क्योंकि उसके लड़ाकों ने सात अक्टूबर को सीमा बाड़बंदी तोड़कर देश के दक्षिण में घुसकर भीषण हमले किए थे. इजराइल की सेना ने कहा है कि इजराइल में 155 सैनिकों सहित 1,200 से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि गाजा में अधिकारियों के अनुसार, 260 बच्चों और 230 महिलाओं सहित 950 लोग मारे गए हैं.
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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और टॉप लीडर्स ने फिलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के खिलाफ युद्ध की निगरानी करने के लिए युद्धकालीन एकता सरकार बनाने का एक समझौता बुधवार को किया है. इसके बााद से इजरायल में ‘युद्ध कैबिनेट’ बनाया गया है. हमास ने पिछले शनिवार को इजरायल पर अचानक हमला किया था, जिसके बाद इजरायल ने युद्ध की घोषणा की और तेज होते युद्ध के बीच अबतक 2200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
नेशनल यूनिटी पार्टी के नेता बेनी गैंट्ज ने पहले ही संकेत दिए थे कि वह इजरायल के युद्ध प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए आपातकालीन एकता सरकार में बिना शर्त शामिल होने के इच्छुक हैं. उन्होंने एक प्रेस नोट जारी कर एकता सरकार बनाने पर सहमति की जानकारी दी और इसे नेतन्याहू के साथ संयुक्त बयान करार दिया है. गैंट्ज पूर्व में इजरायल के रक्षामंत्री और इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) के प्रमुख की भूमिका निभा चुके हैं. उन्होंने कहा कि वे पांच सदस्यीय ‘युद्ध प्रबंधन’ मंत्रिमंडल का गठन करेंगे. इसमें नेतन्याहू, गैंट्ज, मौजूदा रक्षामंत्री योआव गैलेंट और दो सेवारत शीर्ष अधिकारी बतौर ‘पर्यवेक्षक’ सदस्य शामिल होंगे.
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बताया जा रहा है कि सरकार जबतक लड़ाई जारी रहेगी तब तक गैर युद्ध संबंधी कोई भी विधेयक पारित नहीं करेगी और न ही इससे जुड़ा फैसला लेगी. मुख्य विपक्षी दल यायर लापिद को भी नए मंत्रिमंडल में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया है लेकिन उनकी ओर से अबतक जवाब नहीं आया है. इस कदम को इजराइली राजनीति में अप्रत्याशित हलकों से समर्थन मिला, जो कुछ समय पहले तक सरकार की न्यायिक सुधार की कोशिश के मुद्दे पर दो व्यापक गुटों में विभाजित दिख रही थी. कई लोग न्यायिक सुधार की कोशिश को न्यायपालिका के अधिकार को कमजोर करने के प्रयास के तौर पर देख रहे थे, जिसके कारण लगातार 39 हफ्तों तक देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और जिस दिन युद्ध शुरू हुआ उस दिन भी इस मुद्दे पर व्यापक प्रदर्शन की योजना थी.
इजरायल की ‘युद्ध कैबिनेट’
सामान्य तौर पर, युद्ध कैबिनेट मूल रूप से एक समिति होती है, जिसका गठन युद्ध के समय सरकार द्वारा किया जाता है. ऐसी विशेष कैबिनेट का उद्देश्य उस युद्ध का कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से संचालन करना होता है. युद्ध कैबिनेट में देश के प्रधानमंत्री/राष्ट्रपति और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों का होना काफी आम बात है, क्योंकि युद्ध कैबिनेट आमतौर पर मंत्रियों की पूर्ण कार्यकारी कैबिनेट का एक उपसमूह होता है. इसमें विपक्षी राजनेता भी सदस्य होते हैं. इजरायल की तीन सदस्यीय ‘युद्ध कैबिनेट’ में नेतन्याहू, गैंट्ज और रक्षा मंत्री योव गैलेंट शामिल होंगे. गैंट्ज पूर्व में इजरायल के पूर्व सेना प्रमुख भी इस युद्ध कैबिनेट में शमिल होंगे. वहीं रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर पर्यवेक्षक के रूप में काम करेंगे.
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इजरायल सरकार की तरफ से कहा गया है कि विपक्षी नेता येयर लैपिड के लिए युद्ध कैबिनेट में एक सीट ‘आरक्षित’ होगी, लेकिन वह अभी औपचारिक रूप से शामिल नहीं हुए हैं. इस युद्ध कैबिनेट की घोषणा के बाद, जस्टिस मिनिस्टर यारिव लेविन ने कहा कि समझौता ‘सही’ और आवश्यक है, यहां से, हम एक साथ काम करेंगे. अर्थव्यवस्था मंत्री नीर बरकत ने लिखा कि इजरायल राज्य में एक एकता सरकार है. ऐसे समय में, हमें एकजुट होना चाहिए, आईडीएफ सैनिकों को समर्थन देना चाहिए और एक होकर काम करना चाहिए जब तक कि अपने दुश्मन पर इजरायल राज्य की पूरी जीत नहीं हो जाती.
‘युद्ध कैबिनेट’ क्या करेगी?
इस युद्ध कैबिनेट के जरिए हमास आतंकवादियों के खिलाफ जंग के बीच इजरायल की आपातकालीन सरकार सैन्य कार्रवाई के लिए व्यापक राष्ट्रीय सहमति देगी. कैबिनेट में दो मजबूत लोग शामिल हैं, जो सैन्य रणनीतियों के मामले में विशेषज्ञ हैं, जिसमें पूर्व इजरायली सैन्य प्रमुख गैंट्ज़ और ईसेनकोट हैं. इस बात पर सहमति हुई है कि नेसेट में कोई भी कानून या सरकारी संकल्प युद्ध के दौरान आगे नहीं बढ़ाया जाएगा, यदि वे युद्ध के प्रबंधन से संबंधित नहीं हैं.
न्यायिक सुधार पर भी लगाई रोक
इजरायल सरकार न्यायिक सुधार पर भी रोक लगाने पर सहमत हो गई है, जिसके कारण साल की शुरुआत से ही बड़े पैमाने पर सड़क पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था, जिसे देश के इतिहास में सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन माना जाता है. वर्ष की शुरुआत से, सरकार की सुधार योजनाओं का विरोध करने वाले लोगों द्वारा बड़ा साप्ताहिक विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए. धीरे-धीरे विरोध प्रदर्शन का दायरा बढ़ने पर देश भर के कस्बों और शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. जुलाई में, इजरायल की संसद ने देश की न्यायपालिका प्रणाली में सुधार के लिए पहला भाग पारित किया. यह विवादास्पद है क्योंकि कानून ‘तर्कसंगतता सिद्धांत’ को समाप्त कर देता है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नीतियों का मूल्यांकन करने के लिए नियोजित किया है. युद्ध ने सरकार की सभी योजनाओं पर पानी फेर दिया है.
इजराइल ने गाजा पर शासन करने वाले इस्लामिक चरमपंथी समूह हमास के खिलाफ एक अभूतपूर्व हमले का संकल्प लिया है, क्योंकि उसके लड़ाकों ने सात अक्टूबर को सीमा बाड़बंदी तोड़कर देश के दक्षिण में घुसकर भीषण हमले किए थे. इजराइल की सेना ने कहा है कि इजराइल में 155 सैनिकों सहित 1,200 से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि गाजा में अधिकारियों के अनुसार, 260 बच्चों और 230 महिलाओं सहित 950 लोग मारे गए हैं.