Loan Repayment Rule: आरबीआई को ऐसी कई शिकायतें मिलीं जिसमें लोन रीपेमेंट के बाद ग्राहकों को प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट के लिए महीनों तक चक्कर लगाने पड़े. कुछ मामलों में बैंक की तरफ से प्रॉपर्टी के कागजात गुम होने की भी बात कही गई.
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Reserve Bank of India New Rule: अगर आपने किसी बैंक या एनबीएफसी (NBFC) से होम लोन ले रखा है तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, आरबीआई के आदेश के बाद 1 दिसंबर से प्रॉपर्टी लोन से जुड़ा नया नियम लागू होने वाला है. इस नियम के अनुसार आपने प्रॉपर्टी पर किसी प्रकार का लोन लिया है तो इसे पूरा चुकाने के (Loan Repayment) 30 दिन के अंदर संपत्ति के कागजात ग्राहक को लौटाने होंगे. अगर बैंक की तरफ से ऐसा नहीं किया जाता तो ग्राहक को रोजाना के 5000 रुपये का जुर्माना देना होगा.
प्रॉपर्टी के कागजात गुम होने के भी मामले
रिजर्व बैंक की तरफ से यह नियम ग्राहकों से शिकायत मिलने के बाद जारी किया गया है. आरबीआई को ऐसी कई शिकायतें मिलीं जिसमें लोन रीपेमेंट के बाद ग्राहकों को प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट के लिए महीनों तक चक्कर लगाने पड़े. कुछ मामलों में बैंक की तरफ से प्रॉपर्टी के कागजात गुम होने की भी बात कही गई. बैंक की इस तरह की लापरवाही को देखते हुए रिजर्व बैंक की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है. आपको बता दें जब कोई व्यक्ति होम लोन या किसी तरह का प्रॉपर्टी लोन लेता है तो बैंक अपने पास संपत्ति के ऑरिजनल डॉक्यूमेंट रख लेता है.
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30 दिन के अंदर लौटाने होंगे दस्तावेज
ग्राहक की तरफ से लोन चुकता किये जाने के बाद बैंक को मूल दस्तावेज लौटाने होते हैं. लेकिन बैंकों की तरफ से इस पर लापरवाही के मामले सामने आने के बाद आरबीआई ने यह नियम जारी किया है. उम्मीद की जा रही है कि इस नियम के लागू होने के बाद ग्राहकों को राहत मिलेगी. आरबीआई (RBI) की तरफ से बैंकों और एनबीएफसी (NBFC) को जारी सर्कुलर में कहा गया कि लोन का पूरा रीपेमेंट किये जाने के 30 दिन के अंदर सभी दस्तावेजों को रिलीज किया जाए. यदि बैंक या एनबीएफसी की तरफ से 30 दिन के बाद डॉक्यूमेंट रिलीज किये जाते हैं तो बैंक को जुर्माना देना होगा.
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आदेश में कहा गया कि दस्तावेजों को वापसी देने में देरी होने पर बैंक या एनबीएफसी की तरफ से प्रतिदिन के हिसाब से 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. जुर्माने की रकम का भुगतान बैंक संबंधित प्रॉपर्टी मालिक को करेगा. आरबीआई ने नोटिफिकेशन में यह भी कहा कि यदि किसी कर्जदार की प्रॉपर्टी के दस्तावेज खो जाते हैं तो बैंक को कागजात की डुप्लीकेट कॉपी हासिल करने में कस्टमर की मदद करनी होगी.