जब भी किसी रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी (Property) को किराए पर दिया जाता है तो लैंडलॉर्ड (Landlord) यानी घर का मालिक रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) में जरूरी क्लॉज़ शामिल करवाता है, ताकि किराएदार (Tenant) उसे धोखा ना दे सके. वैसे तो किराएदार लैंडलॉर्ड की तमाम शर्तों को मान लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. किराएदार को भी रेंट एग्रीमेंट में कुछ जरूरी क्लॉज़ शामिल करवाने चाहिए, ताकि उसके साथ कोई धोखाधड़ी ना हो सके. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही क्लॉज के बारे में, जिन्हें किराएदार को रेंट एग्रीमेंट में जरूर शामिल करवाना चाहिए.
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1- सिक्योरिटी डिपॉजिट
तमाम लैंडलॉर्ड की तरफ से किराएदार से एक सिक्योरिटी डिपॉजिट लिया जाता है, ताकि अगर उसकी वजह से प्रॉपर्टी को कोई डैमेज हो तो उसकी भरपाई की जा सके. इससे लैंडलॉर्ड को यह भी फायदा होता है कि अगर किराएदार अपना किराया चुकाने से चूकता है तो सिक्योरिटी डिपॉजिट से वह पैसा काट लिया जाएगा. वैसे तो सिक्योरिटी डिपॉजिट के अमाउंट को रेंट एग्रीमेंट में भी दिखाया जाता है, लेकिन एग्रीमेंट बनवाते वक्त उसे वापस लेने की बात भी जरूर लिखवाएं. किराएदार को रेंट एग्रीमेंट में यह बात शामिल करवानी चाहिए कि जब वह प्रॉपर्टी छोड़ेगा तो उस वक्त लैंडलॉर्ड सिक्योरिटी डिपॉजिट का अमाउंट उसको वापस करेगा. अगर किराएदार की वजह से प्रॉपर्टी को कोई डैमेज हुआ हो तो उसे इसमें से एडजस्ट किया जा सकता है.
2- लॉक इन पीरियड और रेंट एग्रीमेंट टर्मिनेशन
रेंट एग्रीमेंट में दोनों ही पार्टी को एक जितना वक्त मिलना चाहिए, जिसमें घर छोड़ने का नोटिस दिया जा सके. किराएदार को अपने हिसाब से रेंट एग्रीमेंट में नोटिस पीरियड पर नेगोशिएशन करना चाहिए. कुछ रेंट एग्रीमेंट में लॉक-इन पीरियड भी होता है, जिसके तहत वह रेंट एग्रीमेंट उससे पहले टर्मिनेट नहीं हो सकता. ऐसे में अगर किराएदार बीच में ही घर छोड़ता है तो भी उसे पूरे वक्त के पैसे चुकाने पड़ेंगे. कमर्शियल प्रॉपर्टीज में लीज़ डीड बनाते वक्त अक्सर इस तरह की शर्तें रखी जाती हैं. हालांकि अगर आप रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी ले रहे हैं तो उसमें इस तरह की शर्तों से बचना चाहिए और अगर ऐसी शर्त हो तो उसे हटाना चाहिए. अगर यह तय है कि आपको लंबे वक्त के लिए वहां रहना है और उससे पहले घर नहीं छोड़ना है तो आप रेंट एग्रीमेंट में लॉक इन पीरियड को शामिल भी करवा सकते हैं.
3- सामान्य टूट-फूट
एग्रीमेंट में यह साफ होना चाहिए कि किस तरह के नुकसान के लिए किराएदार जिम्मेदार होंगे. रेंट एग्रीमेंट में यह क्लॉज़ जरूर शामिल करवाएं कि सामान्य टूट फूट के लिए किराएदार की जिम्मेदारी नहीं होगी, सिर्फ बड़े नुकसान पर ही किराएदार को पैसे चुकाने होंगे. लंबे वक्त तक कहीं रहने पर वहां कुछ सामान्य तरह की टूट-फूट भी होती हैं, जिनका पैसा किराएदार को चुकाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए.
4- घर में मिलने वाली सुविधाओं की पूरी लिस्ट
जब आप रेंट एग्रीमेंट बनवाएं तो उसमें घर में मिल रही सुविधाओं की पूरी लिस्ट शामिल जरूर करवाएं. घर में दिए जा रहे तमाम उपकरणों को इसमें शामिल कराएं. ऐसा अगर नहीं होगा तो आपको दिक्कत हो सकती है. हो सकता है आपको शुरुआत में कम सुविधाएं दी गई हों, लेकिन किसी गलतफहमी की वजह से लैंडलॉर्ड को लग सकता है कि आपको ज्यादा सुविधाएं दी गई थीं. ऐसे में लैंडलॉर्ड आपसे उन उपरकरणों की रिकवरी कर सकता है, जो उसे देखने को नहीं मिलेंगे. उदाहरण के लिए हो सकता है कि आपको सिर्फ एक बाथरूम में गीजर की सुविधा मिली हो, लेकिन बाद में लैंडलॉर्ड कह सकता है कि उसने दोनों बाथरूम में गीजर दिया था.
5- कोई बकाया ना रहे
जब आप रेंट एग्रीमेंट बनवाएं तो ध्यान रखें कि आप जो घर किराए पर ले रहे हैं, उस पर कोई भी बकाया बिल ना हो. यह बिजली का बिल हो सकता है या सोसाएटी का मेंटेनेंस हो सकता है या फिर पानी आदि का बिल हो सकता है. अगर शुरुआत में ही आप इसे लेकर नियम तय नहीं करेंगे तो हो सकता है कि इसका भुगतान भी आपको ही करना पड़े.
6- रीन्यूअल और किराए में बढ़ोतरी
रेंट एग्रीमेंट में यह भी साफ होना चाहिए कि रेंट एग्रीमेंट कब रिन्यू होना है. साथ ही रिन्यूअल के टाइम रेंट में कितनी बढ़ोतरी की जानी है, इस पर भी पहले से ही नियम तय हो जाने चाहिए. इसका क्लॉज़ भी रेंट एग्रीमेंट में जरूर शामिल करवाएं.
7- रेंट एग्रीमेंट बनवाने का खर्च
जब एक रेंट एग्रीमेंट बनता है तो उसे पर एक लागत आती है. आपको यह पहले से ही तय करना होगा कि रेंट एग्रीमेंट बनवाने का खर्च कौन देगा. अक्सर यह खर्च लैंडलॉर्ड खुद ही देते हैं, लेकिन कई मामलों में किराएदार से रेंट एग्रीमेंट बनाने का खर्चा लिया जाता है.
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8- प्रॉपर्टी का इस्तेमाल
रेंट एग्रीमेंट बनवाते वक्त यह भी साफ कर लेना चाहिए कि जिस प्रॉपर्टी को आप ले रहे हैं उसका इस्तेमाल किन कामों में किया जा सकता है. अगर आप रेंट पर ली हुई प्रॉपर्टी का इस्तेमाल किसी खास काम के लिए करना चाहते हैं, तो उसे रेंट एग्रीमेंट में पहले से ही शामिल जरूर करवा लें, वरना बाद में दिक्कत हो सकती है.