नई दिल्ली: खालिस्तानियों के मुद्दे पर भारत के साथ अपने संबंधों को बिगाड़कर कनाडा ने अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मार ली है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के एक बयान ने भारत और कनाडा के कूटनीतिक संबंधों में दरार ला दिया।
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कनाडा ने खालिस्तानियों का फेवर करते हुए भारत के खिलाफ जो बयान दिया, अब उसका असर उसके ही कारोबार पर दिखने लगा है। कनाडा की बड़ी डायमंड कंपनी ने दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन दिया है। कनाडा की डायमंड माइनिंग कंपनी स्टोनॉर्वे डायमंड (Stornoway Diamonds) ने दिवालिया ( Bankruptcy) के लिए आवेदन किया है। कंपनी ने क्यूबेट से होने वाले अपने ऑपरेशन को सस्पेंड कर दिया है। जियो पॉलिटिकल तनाव के बीच कंपनी ने अचानक के अपने ऑपरेशन को बंद करने का फैसला किया है, जिसे भारत के खिलाफ कनाडा के बयान से जोड़कर देखा जा रहा है।
कनाडा की कंपनी हुई बंद
कनाडा की बड़ी डायमंड कंपनी Stornoway Diamonds ने अपना परिचायन अचानक से बंद करने का फैसला किया है। दरअसल कनाडा के आरोपों के बाद भारत की डायमंड इंडस्ट्री ने कनाडा से बिना पॉलिश वाले डायमंड के आयात पर रोक लगा दी। भारत के हीरा कारोबारियों के इस फैसले का असर कनाडा की डायमंड कंपनी पर देखने को मिला। भारत के साथ आयात बंद होने के चलते कंपनी को भारी घाटा हुआ और कंपनी बंद करने की नौबत आ गई।
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हीरा कारोबार पर असरभारत के डायमंड इंडस्ट्री के बड़े खिलाड़ियों जैसे जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट काउंसिल (GJEPC), भारत डायमंड बोर्स (BDB), सूरस डायमंड बोर्स (SDB), द मुंबई डायमंड मर्चेंट एसोसिएश और सूरत डायमंड एसोसिएशन (SDA) ने कनाडा की कंपनियों से बिना पॉलिस वाले डायमंड के इंपोर्ट को रोकने का फैसला किया। भारत की हीरा कंपनियों ने यह कदम शुरू में स्वैच्छिक तौर पर लिया। इसका फैसला अब कनाडा की डायमंड कंपनी पर दिखने लगा है। कनाडा की डायमंड कंपनी को भारत के साथ आयात बंद होने के नतीजा भुगतना पड़ा है। कंपनी भारी नुकसान में चली गई। कंपनी की आर्थिक स्थिति बुरे दौर में पहुंच गई और उसे दिवालिया प्रक्रिया से गुजरने का फैसला करना पड़ा। अपने बयान में कंपनी ने कहा कि भारत में कच्चे हीरे के आयात में रुकावट आने के चलते उसे वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।
भारत-कनाडा के बीच कारोबारभारत कनाडा के बीच खाद्य पदार्थों से लेकर खनिज तक का आयात-निर्यात होता है। खनिज ईंधन, खनिज तेल और पोटाश, दालें, मिनिरल्स, कोयला, फर्टीलाइजर, कोक, दालें, पोटाश, लकड़ी, मानइिंग प्रोडक्ट और एल्युमीनियम जैसे सामानों का आयात-निर्यात होता है। भारत और कनाडा के बीच पिछले साल कुल 8 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ। भारत और कनाडा के संबंधों में आई कड़वाहट का असर व्यापार पर पड़ने लगा है। कारोबार पर असर पड़ेगा तो नौकरियां प्रभावित होगी। भारत ने कनाडा में अच्छा- खासा निवेश किया है। रिश्ते बिगड़ने से कनाडा में नौकरियों पर संकट मंडरा सकता है।
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