Retail Inflation: उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है. एनएसओ द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश की खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में घटकर 5 महीने के निचले स्तर 4.87 फीसदी पर आ गई.
नई दिल्ली. फेस्टिव सीजन में आम लोगों को महंगाई के मोर्चे पर राहत मिली है. दरअसल, अक्टूबर में महंगाई दर में गिरावट आई है. नेशनल स्टैटिकल ऑफिस (NSO) की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश की खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में घटकर 5 महीने के निचले स्तर 4.87 फीसदी पर आ गई. इससे एक महीना पहले सितंबर में खुदरा महंगाई दर 5.02 फीसदी थी.
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पिछले वर्ष की तुलना में ईंधन की कीमतों में गिरावट आई है. सरकार ने विधानसभा चुनावों से पहले एलपीजी की कीमतों में भी कमी की है. खाद्य महंगाई, जो कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) का लगभग आधा हिस्सा है, अक्टूबर में 6.71 फीसदी थी, जबकि सितंबर में यह 6.56 फीसदी थी. खाद्य तेलों की कीमत में 13.69 फीसदी की गिरावट आई और सब्जियों की कीमतें नियंत्रण में रहीं, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिली.
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दाल की कीमत चिंता का विषय
हालांकि, दाल की कीमत चिंता का विषय बनी हुई है. महीने के दौरान कीमतों में 18.79 फीसदी की वृद्धि हुई और मसालों के दाम में 22.76 फीसदी की भारी वृद्धि हुई. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबि गेहूं और चावल सहित अनाज में भी माह के दौरान दोहरे अंक में 10.69 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.
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अब RBI के टारगेट के दायरे में महंगाई
उपभोक्ता मूल्य महंगाई अब आरबीआई के टारगेट के दायरे में है और यह आरबीआई को ब्याज दर बढ़ाने से रोकेगा. लेकिन कच्चे तेल की कीमत मुद्रास्फीति को बढ़ा सकती है. मुद्रास्फीति दर में गिरावट आरबीआई की उम्मीद के अनुरूप है, जिसने देश की आर्थिक विकास दर को बढ़ाने के लिए अपनी प्रमुख ब्याज दर को बरकरार रखा है.
अभी भी सतर्क रहने की जरूरत
हालांकि, अर्थशास्त्रियों के अनुसार, अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है. इस साल मानसून का प्रभाव अभी दिखना बाकी है, जिसका असर खाद्य पदार्थों की कीमतों पर पड़ सकता है और इजरायल-हमास संघर्ष जैसे जियो-पॉलिटिकल टेंशन से तेल बाजार में हलचल मच सकती है.