Disadvantages of thyroid during pregnancy: गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण कई महिलाओं को थायरॉयड की समस्या हो जाती है. प्रेग्नेंसी के दौरान यह थायरॉयड पेट में पल रहे शिशु की सेहत के लिए ठीक नहीं है. अब सवाल है कि प्रेग्नेंसी में थायरॉयड कैसे नुकसानदायक? क्या हैं लक्षण? कैसे करें बचाव? इन सवालों के बारे में विस्तार बता रही हैं डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज दिल्ली की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. ज्योति यादव…
Disadvantages of thyroid during pregnancy: प्रेग्नेंसी का समय महिलाओं के लिए जितना सुखद भरा होता है, उतना ही कठिनाई भरा भी होता है. क्योंकि गर्भावस्था के समय महिलाओं के शरीर में तेजी से बदलाव होता है, जिससे कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन्हीं में से एक है थायरॉयड की परेशानी. जी हां, गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण कई महिलाओं को थायरॉयड की समस्या हो जाती है. प्रेग्नेंसी के दौरान यह थायरॉयड पेट में पल रहे शिशु की सेहत के लिए ठीक नहीं है.
बता दें कि, थायरॉयड हमारे गले में मौजूद तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है. यह थायरॉक्सिन हार्मोन बनाती है, जो शरीर में एनर्जी और मेटाबॉलिज्म के स्तर को कंट्रोल करता है. जब इस ग्रंथि में गड़बड़ी आने लगती है, तो थायरॉयड रोग हो जाता है. अब सवाल है कि प्रेग्नेंसी में थायरॉयड कैसे नुकसानदायक? क्या हैं लक्षण? कैसे करें बचाव? इन सवालों के बारे में विस्तार बता रही हैं डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज दिल्ली की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. ज्योति यादव…
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प्रेग्नेंसी में थायरॉयड क्यों नुकसानदायक?
थायरॉयड की ज्यादा मात्रा गर्भवती महिला और उसके शिशु की सेहत के लिए खराब मानी जाती है. हाइपरथायरॉयडिज्म के कुछ मामलों में महिला को उल्टियां आना या फिर जी मिचलाना जैसी दिक्कतें आ सकती हैं. थायरॉयड के कारण बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर बहुत प्रभाव पड़ता है, बच्चा असमान्य भी हो सकता है. बॉडी को एक्टिव बनाएं रखें और डॉक्टर की सलाह पर योग और हल्के वर्कऑउट की आदत डालें. इसके अलावा, थायरॉयड पीड़ित प्रेग्नेंट महिलाओं के बच्चों को यानी नवजात शिशुओं का नियोनेटल हाइपोथायरॉयड की समस्या हो सकती हैं.
प्रेग्नेंसी में थायरॉयड बढ़ने के लक्षण
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को दो तरह के थायरॉयड की समस्या हो सकती है. पहला हाइपोथायरॉयडिज्म, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि थायरॉयड ग्रंथि जरूरत से कम थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन कर रही है. इस समस्या में वजन बढ़ाना, अत्यधिक थकान, कब्ज, ज्यादा ठंड लगना, मांसपेशियों में ऐंठन और ध्यान लगाने में दिक्कत आदि लक्षण देखने को मिलते हैं.
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प्रेग्नेंसी में थायरॉयड कंट्रोल करने के उपाय
गर्भावस्था में थायरॉयड को कंट्रोल रखने के लिए अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें. साथ ही नियमित रूप से व्यायाम और योग करने से थायरॉयड को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है. थायरॉयड को कंट्रोल रखने के लिए नियमित रूप से दावा का सेवन करें. प्रेग्नेंसी में थायरॉयड लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए आपको तनाव लेने से बचें, जंक फूड और शुगर युक्त चीजों का ज्यादा सेवन ना करें. इसके अलावा, समय-समय पर डॉक्टर से अपना चेकअप कराएं.