जागरण संवाददाता, पटना। PM Awas Yojana प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को लेकर महालेखाकार की टीम ने कई आपत्ति जताई। 10 जिलों की निष्पादन लेखा परीक्षा (परफॉर्मेंस ऑडिट) में कई तरह ही सलाह दी गई है। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने सभी डीएम-डीडीसी को इसकी जानकारी दी है। उन्हें योजना के कार्यान्वयन में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता को लेकर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है।
पत्र में प्रतीक्षा सूची, आवास विहीन लाभुकों के नाम से जमीन की रजिस्ट्री समेत कई अन्य सलाह दिए गए हैं। खासकर वार्षिक कार्ययोजना, ग्राम सभा के नाम पर खानापूरी पर खास हिदायत दी गई है।
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तैयार करनी है वार्षिक कार्ययोजना
कहा गया है कि योजना को लेकर वार्षिक कार्ययोजना तैयार की जाती है, लेकिन जांच में पता चला कि ससमय कार्ययोजना निर्धारण नहीं किया गया। लक्ष्य को ससमय पूर्ण करने के लिए वार्षिक कार्ययोजना निश्चित रूप से तैयार करना है। पंचायत स्तर पर हर हाल में वार्षिक सूची का निर्माण करना है। प्रतीक्षा सूची का दीवार लेखन कराने का निर्देश भी दिया गया है।
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ग्राम सभा की कार्यवाही में अब गड़बड़ी नहीं चलेगी। खासकर रिपोर्ट में तरल द्रव का इस्तेमाल नहीं करना है। कहा गया है कि ग्राम सभा में चयनित लाभुकों की सूची को अनुमोदित किया जाता है, लेकिन अंकेक्षण के क्रम में यह बात सामने आई कि ग्रामसभा का कोरम पूरा नहीं करने, लाभुक की योग्यता या अयोग्यता के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने में गड़बड़ी की जाती है।
अब निर्धारित कोरम पूरा कर उपस्थित सदस्यों का हस्ताक्षर लेना है। लाभुकों के संबंध में स्पष्ट तथ्य अंकित किए जाएं। प्रतीक्षा सूची से दिव्यांग कोटि के परिवारों को पांच प्रतिशत आरक्षण नहीं मिलने की बात भी सामने आई। इसको लेकर आवंटन का लाभ देने का निर्देश दिया गया। आपदा पीड़ित परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर आवास का लाभ देने संबंधी निर्देश भी दिए गए हैं।
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नियमित रूप से करते रहें निगरानी
योजना की प्रतीक्षा सूची में शामिल वास स्थल विहीन लाभुकों को आवास निर्माण के लिए वास भूमि उपलब्ध कराई जानी है। वैसे लाभुक जिन्हें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा वास भूमि उपलब्ध नहीं कराई जाती, उन्हें मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना से राशि दी जाती है। अंकेक्षण में यह बात सामने आई कि राशि तो दी गई, लेकिन भूमि का निबंधन कराए बिना ही कुछ लाभुकों को आवास का लाभ दे दिया गया।
बताया गया कि इससे आवास के स्वामित्व पर सवाल खड़े होंगे। कुछ में पैसे लेकर भी या तो जमीन खरीदी ही नहीं अथवा काफी देर से खरीदी गई। इसको लेकर नियमित अनुश्रवण का निर्देश दिया गया। जो लाभुक वास भूमि नहीं खरीदते उनसे वसूली की कार्रवाई की जाए। साथ ही लाभुक के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री के बाद ही आवास स्वीकृति की सलाह दी गई है।