चलती ट्रेन में खानपान को लेकर ठेकेदारों (कांट्रैक्टर) की मनमानी अब नहीं चलेगी। आईआरसीटीसी ने एक रूट, एक भोजन का प्लान बनाया है। इसके लिए क्लस्टर बनाए जाएंगे। इन क्लस्टरों से ही उस रूट की ट्रेनों में लंच और डिनर की सप्लाई होगी। एनईआर में इसके लिए गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ में क्लस्टर बनाने की तैयारी है।
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आईआरसीटीसी के अनुसार गोरखपुर से दिल्ली, मुम्बई या दक्षिणी राज्यों के लिए प्रस्थान करने वाली गोरखधाम, हमसफर, कुशीनगर, एलटीटी और राप्तीसागर को लखनऊ या गोरखपुर के क्लस्टर से भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। बीच में न तो कांट्रेक्टर कहीं से भोजन चढ़ा सकेंगे और न ही यात्रियों को अपने मनमाने तरीके से भोजन परोस सकेंगे।
आईआरसीटीसी ने इस व्यवस्था को शुरू करने के लिए रेलवे से ट्रेनों के साथ ही औसत यात्रियों के आवागमन की जानकारी मांगी है। ट्रेनों और यात्रियों के संख्या के हिसाब तैयारी की जाएगी।
रोजाना औसतन 50 हजार लोग करते हैं यात्रा
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गोरखपुर जंक्शन से रोजाना 50 हजार से ज्यादा लोग यात्रा करते हैं। इसमें करीब 20 से 25 हजार यात्री ऐसे हैं जो कैटरिंग सेवा लेते हैं। इनमें से अधिकतर यात्री पेंट्रीकार से भोजन लेते हैं।
सीआरएम आईआरसीटीसी अजीत कुमार सिन्हा ने बताया, “पूर्वोत्तर रेलवे में आईआरसीटीसी ने तीन प्रमुख स्टेशनों पर क्लस्टर बनाने की तैयारी की है। इनमें गोरखपुर, लखनऊ और वाराणसी शामिल है। एक रूट पर एक खाना उपलब्ध कराने की योजना तैयार हो रही है। इसमें क्लस्टर बनाकर ट्रेनों में फूड उपलब्ध कराया जाएगा। इससे यात्रियों की शिकायतें काफी हद तक कम हो जाएंगी।”
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अभी न तो कोई मानक, न ही गुणवत्ता बरकरार: वर्तमान में हर ट्रेन में खानपान को लेकर अलग-अलग कांट्रेक्टर हैं। कांट्रेक्टर अपने हिसाब से भोजन पैक कराकर वितरित कराते हैं। इससे न तो भोजन की क्वालिटी बरकरार रह पाती है और न ही गर्म रहता है।