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5 बैंकों पर चला RBI का चाबुक, 4 पर ठोका जुर्माना तो एक पर जड़ दिया ताला

RBI

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) बैंकों पर कड़ी निगरानी रखता है. जो भी बैंक नियमों की अवहेलना करता है उनके खिलाफ आरबीआई सख्‍त कार्रवाई भी करता है.

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नई दिल्‍ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों का उल्‍लंघन करना 5 को-ऑपरेटिव बैंकों को भारी पड़ा है. आरबीआई ने 4 बैंकों पर जहां जुर्माना ठोका है, वहीं एक को-ऑपरेटिव बैंक का तो लाइसेंस ही रद्द कर दिया गया है. जिस बैंक का लाइसेंस निरस्‍त हुआ है, उसका नाम अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड है. यह बैंक उत्तर प्रदेश के सीतापुर में काम करता है. आरबीआई का कहना है कि इस को-ऑपरेटिव बैंक के पास संचालन के लिए पूंजी नहीं बची. इतना ही नहीं बैंक में आगे कमाई की कोई भी उम्मीद नहीं दिख रही. इसलिए इस बैंक को बंद किया जा रहा है.

आरबीआई की कार्रवाई के बाद ही 7 दिसंबर से ही अर्बन कोऑपरेटिव बैंक को अपना काम बंद करना पड़ा है. आरबीआई ने कमिश्नर एवं रजिस्ट्रार, उत्तर प्रदेश से भी बैंक को बंद करने के लिए उपयुक्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए. आरबीआई का कहना है कि बैंक ने ग्राहकों को भी पूरा भुगतान नहीं किया.

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अच्‍छी बात यह है कि बैंक के अधिकतर ग्राहकों को बैंक में जमा उनकी लगभग पूरी पूंजी वापस हो जाएगी. बैंक की ओर से कहा गया कि 98.32 फीसदी ग्राहकों को उनका पूरा पैसा वापस कर दिया जाएगा. 5 लाख रुपये तक जमा का बीमा होता है. बैंक के 98.32 फीसदी ग्राहकों के 5 लाख रुपये या इससे कम ही जमा हैं.

इन बैंकों पर लगा जुर्माना
भारतीय रिजर्व बैंक ने 4 को-ऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया. जिन बैंकों पर फाइन लगाया गया है, उनमें पाटन को-ऑपरेटिव बैंक, राजर्षि शाहू को-ऑपरेटिव बैंक, डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल बैंक और प्राथमिक शिक्षक सहकारी बैंक शामिल है. इन चारों बैंकों में से 3 बैंकों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना और एक अन्य बैंक पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया.

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इसलिए लगा फाइन
डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल बैंक नाबार्ड की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा था. वहीं, पाटन को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा केवाईसी नियमों की अनदेखी की गई. शिक्षक सहकारी बैंक ने आरबीआई के नियमों के विरुद्ध जाकर गोल्ड लोन मुहैया कराया जबकि राजर्षि शाहू सहकारी बैंक ने न्यूनतम बैलेंस के नियमों का पालन नहीं कर रहा है.

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