टैक्सपेयर्स की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर-1 और आईटीआर-4 फॉर्म में कई बदलाव किए हैं. इसको समय से पहले नोटिफाई किया गया है.
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR फॉर्म 1 और 4 को नोटिफाई किया है, जो मूल्यांकन वर्ष (AY) 2024-25 के लिए 50 लाख तक की कुल सालाना इनकम वाले व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा फाइल किया जाता है.
ITR फॉर्म कब नोटिफाई किए जाते हैं?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आमतौर पर अगले असेसमेंट ईयर की शुरुआत से पहले, यानी फरवरी या मार्च में ITR फॉर्म को नोटिफाई करता है. इसको समय से पहले नोटिफाई करने का मकसद यह नहीं है कि यह जल्दी नोटिफाई कर दिया गया है. बल्कि इसका मतलब यह है कि टैक्सपेयर्स के पास किए गए बदलावों को समझने और जरूरी कागजाज इकट्ठा करने और अधिक सटीकता के साथ अपना रिटर्न दाखिल करने के लिए अधिक ज्यादा समय मिल सके.
ITR-1 फॉर्म
ITR फॉर्म 1 (SAHAJ) बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम टैक्यपेयर्स की जरूरतों को पूरा करता है.
सहज को एक निवासी व्यक्ति द्वारा फाइल किया जा सकता है जिसकी आय 50 लाख तक है और जो वेतन, गृह संपत्ति, अन्य स्रोतों (ब्याज) और कृषि आय से 5,000 रुपये तक की आय प्राप्त करता है.
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ITR-4 फॉर्म
ITR फॉर्म 4 (SUGAM) सरल फॉर्म है जो बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम टैक्सपेयर्स की जरूरतों को पूरा करता है. सुगम को व्यक्तियों, एचयूएफ और फर्मों (सीमित देयता भागीदारी (LLP) के अलावा) द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जिनकी कुल आय 50 लाख तक है और कारोबार और प्रोफेशन से इनकम आती है.
नए ITR-1 और ITR-4 में क्या किए गए मुख्य बदलाव?
ITR 1 दाखिल करने वाले टैक्सपेयर को केवल इनकम रिटर्न में टैक्स व्यवस्था की अपनी पसंद का संकेत देना आवश्यक है. ITR 4 दाखिल करने वाले टैक्सपेयर को न्यू टैक्स रिजीम से बाहर निकलने के लिए फॉर्म 10-आईईए दाखिल करना होगा.
नए ITR फॉर्म 1 और 4 में धारा 80सीसीएच के तहत कटौती का क्लेम करने के लिए एक नया कॉलम जोड़ा गया है.
वित्त अधिनियम 2023 में एक नई धारा 80CCH जोड़ी गई है, जिसमें कहा गया है कि अग्निपथ योजना में नामांकित और अग्निवीर कॉर्पस फंड की सदस्यता लेने वाले या 01-11-2022 के बाद अग्निवीर कॉर्पस फंड में जमा की गई कुल राशि के लिए कर कटौती के लिए पात्र होंगे.
टर्नओवर बढ़ने के लिए सीमा का दावा करने के लिए ITR-4 में “नकद में रसीदें” कॉलम जोड़ा गया है.
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वित्त अधिनियम, 2023 ने धारा 44AD के तहत अनुमानित टैक्सेशन स्कीम को चुनने के लिए टर्नओवर सीमा को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ कर दिया है. यदि नकदी में प्राप्तियां पिछले वर्ष के कुल टर्नओवर या सकल प्राप्तियों के 5% से अधिक नहीं हैं.