एकनाथ शिंंदे सहित 16 विधायकों की योग्यता को लेकर उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. कोर्ट ने पहले तो फैसले की तारीख 31 दिसंबर, 2023 तय की थी, लेकिन फिर इसे बदलकर 10 जनवरी कर दिया गया था.
लगभग ढेड़ वर्ष से महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच चले आ रहे विवाद का आज पटापेक्ष हो गया. साफ हो गया है कि राज्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर एकनाथ शिंदे बने रहेंगे. विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता से जुड़े मामले में अपना फैसला सुनाते हुए एकनाथ शिंदे और उनके सहयोगी विधायकों को योग्य ठहराया है.
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महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधायकों की आयोग्यता पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे गुट की पार्टी ही असल शिवसेना है. विधानसभा में फैसला सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश में सभी बिन्दुओं पर गहन विचार करते हुए यह फैसला लिया गया है. 1215 पन्नों में फैसला आया है. राहुल नार्वेकर ने फैसले के चुनिंदा अंश पढ़कर सुनाए. उन्होंने वे बातें बताईं जिनके आधार पर यह फैसला लिया गया है.
राहुल नार्वेकर ने अपने फैसले में सभी घटनाक्रमों पर सिलसिलेवार ढंग से प्रकाश डाला. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और निर्वाचन आयोग के कई फैसलों का हवाला दिया. उन्होंने शिंदे गुट को ही असल शिवसेना पार्टी बताया. उन्होेंने कहा कि सबसे अहम यह है कि असली शिवसेना कौन-सी है. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने शिंदे गुट को ही असली शिवसेना करार दिया था. शिवसेना का 1999 का संविधान ही मान्य है.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि दोनों गुटों ने पार्टी के अलग-अलग संविधान का हवाला दिया, लेकिन उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दिए गए पार्टी के संविधान पर तारीख नहीं थी, इसलिए वो मान्य नहीं किया गया. ठाकरे गुट ने जो एफिडेविट दाखिल किया था वह अमान्य है. क्योंकि, 23 जनवरी 2018 में शिवसेना में चुनाव नहीं हुआ. इसलिए संविधान में जो अमेंडमेंट किया गया वो गलत है.
फैसला सुनाने से पहले स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा था कि अयोग्यता की सुनवाई पूरी हो चुकी है. वे नियमों के अनुसार फैसला लेंगे और उनके फैसले में सभी के साथ न्याय होगा.
महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर विधायकों की अयोग्यता पर अपना फैसला पढ़ते हुए.
बता दें कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के कुछ विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार का तख्ता पलट किया था. एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से राज्य के नए मुख्यमंत्री बन गए. शिंदे ने अपने समर्थकों के साथ दावा किया कि उनकी पार्टी ही असली शिवसेना है. इस पर उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए एक याचिका दाखिल की थी. उद्धव ठाकरे की याचिका के बाद ही एकनाथ शिंदे ने ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका दाखिल कर दी थी. कोर्ट ने सारा मामला विधानसभा स्पीकर के पाले में डाल दिया कि स्पीकर ही विधायकों की योग्यता-अयोग्यता का फैसला करेंगे. इसके लिए पहले तो 31 दिसंबर की तारीख तय की गई थी. बाद में इसे बढ़ाकर 10 जनवरी का दिन मुकर्रर कर दिया गया.
फैसला आने से पहले पूरे दिन महाराष्ट्र सहित देश के सियासी गलियारे में लगातार हलचल मची रही. महाराष्ट्र में शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए देखे गए. शाम को फैसला आने के समय शिंदे गुट के तमाम विधायक पार्टी दफ्तर में जमा हुए. उद्धव ठाकरे ने दिन में ही स्पीकर की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
एकनाथ शिंदे गुट में कुल 16 विधायक हैं. इनमें खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अब्दुल सत्तार, संदीपन भुमरे, तानाजी सावंत, यामिनी जाधव, महेश शिंदे, बालाजी कल्याणकर, रमेश बोरनारे शामिल हैं.