Makar Sankranti 2024 Right Date: मकर संक्रांति का पर्व हिंदू कैलेंडर के आधार पर मनाते हैं, जिसमें सूर्य के गोचर की गणना का ध्यान रखा जाता है. मकर शनि देव की राशि है. इसमें जब सूर्य देव आते हैं तो वे दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि मकर संक्रांति की सही तारीख क्या है? मकर संक्रांति कब मनाएं रविवार या सोमवार को?
सूर्य देव 15 जनवरी को 02:54 एएम पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे.
मकर संक्रांति का महापुण्य काल सुबह 07:15 बजे से सुबह 09:00 बजे तक है.
साल 2024 की मकर संक्रांति का नाम घोर है.
हर साल मकर संक्रांति का महापर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को नहीं मनाई जाएगी. दरअसल मकर संक्रांति का पर्व हिंदू कैलेंडर के आधार पर मनाते हैं, जिसमें सूर्य के गोचर की गणना का ध्यान रखा जाता है. जिस समय सूर्य का गोचर मकर राशि में होता है, उस समय मकर संक्रांति होती है. उसे सूर्य की मकर संक्रांति कहते हैं. सूर्य देव हर राशि में करीब एक माह तक विराजमान होते हैं. मकर शनि देव की राशि है. इसमें जब सूर्य देव आते हैं तो वे दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. उत्तरायण को देवताओं का दिन कहा जाता है. सूर्य के उत्तरायण होने से धीरे-धीरे गर्मी बढ़ती है, दिन बड़े होने लगते हैं और रात छोटी. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि मकर संक्रांति की सही तारीख क्या है? मकर संक्रांति कब मनाएं रविवार या सोमवार को? मकर संक्रांति को सूर्य देव किस वाहन पर सवार होकर उत्तरायण होंगे?
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मकर संक्रांति की सही तारीख 2024?
इस साल 2024 में मकर संक्रांति की सही तारीख 15 जनवरी को है. इस बार मकर संक्रांति सोमवार को मनाई जाएगी. इसका बड़ा कारण यह है कि सूर्य देव 15 जनवरी को 02:54 एएम पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. उस समय ही मकर संक्रांति का क्षण होगा.
मकर संक्रांति 2024 का नाम घोर
साल 2024 की मकर संक्रांति का नाम घोर है. मकर संक्रांति का महापुण्य काल सुबह 07:15 बजे से सुबह 09:00 बजे तक है, जबकि मकर संक्रांति का पुण्य काल 07:15 एएम से शाम 05:46 पीएम तक है.
मकर संक्रांति 2024: घोड़े पर सवार होकर प्रकट होंगे सूर्य देव
15 जनवरी को मकर संक्रांति के समय सूर्य देव का वाहन अश्व और वस्त्र श्याम यानि काले रंग का होगा. सूर्य देव श्याम वस्त्र पहनें, घोड़े पर सवार होकर दक्षिणायन से उत्तरायण होंगे. सूर्य देव का उपवाहन सिंहनी है. उनका अस्त्र तोमर है.
मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की दृष्टि नैऋत्य होगी. दक्षिण-पश्चिम दिशा को नैऋत्य कहते हैं. सूर्य महाराज नैऋत्य दृष्टि से पूर्व दिशा में गमन करेंगे. उनका पुष्प दूर्वा है. मकर संक्रांति पर दूर्वा अर्पित करने से सूर्य देव प्रसन्न होंगे. सूर्य देव के भोग का पदार्थ खिचड़ी है.
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मकर संक्रांति 2024 स्नान-दान का समय
मकर संक्रांति के दिन आपको स्नान और दान महा पुण्य काल या पुण्य काल में करना चाहिए. हालांकि मकर संक्रांति पर स्नान ब्रह्म मुहूर्त 05:27 एएम से 06:21 एएम में भी कर सकते हैं. मकर संक्रांति पर रवि योग 07:15 एएम से 08:07 एएम तक है.