NIA Raid: तस्करों के बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है. यह नेटवर्क भारत-बांग्लादेश सीमा के रास्ते लोगों को अवैध रूप से भारत पहुंचाने के धंधे में शामिल था. जांच में यह भी पता लगा कि आरोपी ऐसे लोगों को अवैध आधार कार्ड भी उपलब्ध कराते थे. अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने पहले इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.
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नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल से पड़ोसी देश बांग्लादेश की सीमा लगती है. दोनों देश के बीच सड़क संपर्क के जरिये लोगों का आना-जाना होता है. साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार भी होता है. भारत-बांग्लादेश की सीमा घने जंगल से भी घिरा हुआ है. अवैध धंधा करने वाले इसी का फायदा उठाकर भारत में घुस आते हैं. अवैध तरीके से भारत आने वाले बांग्लादेशी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी चिंता का सबब बन जाते हैं. अब जरा सोचिए अवैध तरीके से भारत आने वाले बांग्लादेशी यदि टेंट सिटी ही बसा ले तो फिर क्या हो? राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक ऐसे ही रैकेट का भंडाफोड़ किया है.
जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने मानव तस्करी के एक मामले में कर्नाटक से दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है_ एक अधिकारी ने यह जानकारी दी_ एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि कर्नाटक के आंतरिक सुरक्षा प्रकोष्ठ की मदद से बांग्लादेशी नागरिकों (मोहम्मद साज्जिद हलदर और इदरिस) का पता लगाया गया. इन दोनों को बृहस्पतिवार को पकड़ा गया था. ये काफी दिनों से फरार चल रहे थे. उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक 14 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
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बनाया काला साम्राज्य
जांच एजेंसी के प्रवक्ता के अनुसार, एनआईए ने जांच के दौरान पाया कि हलदर और इदरिस भारत-बांग्लादेश सीमा पर बेनापोल के रास्ते अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे. NIA ने देशव्यापी छापे के बाद नवंबर 2023 में (मानव तस्करी के) इस मामले का भंडाफोड़ किया था. अधिकारी ने बताया कि हलदर ने बेंगलुरु में रामामूर्ति नगर में ‘कबाड़ संग्रहण एवं पृथक्करण’ इकाई लगायी थी और उसमें अन्य बांग्लादेशी नागरिकों को काम पर रखा था. उन्होंने बताया कि जांच से यह भी पता चला कि इदरिस ने भी बेंगलुरु के आनंदपुरा में कबाड़ संग्रहण एवं पृथक्करण इकाई लगायी थी जहां उसने लीज पर जमीन ली थी एवं वहां 20 से अधिक बांग्लादेशी परिवारों के लिए टेंट लगाये थे. संदेह है कि इन परिवारों को उसने ही तस्करी के जरिए भारत में दाखिल कराया था. प्रवक्ता ने कहा कि इन विवरणों की पुष्टि के लिए जांच जारी है.
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तस्करों का नेटवर्क
एनआईए ने इस बात की पक्की खबर मिलने के बाद सात नवंबर को मामला दर्ज किया था कि कर्नाटक के कुछ व्यक्ति असम, त्रिपुरा और कुछ देशों में ऐसे लोगों के संपर्क में थे जो दूसरे देशों से लोगों को अवैध रूप से भारत भेजने में लगे हैं. एनआईए के मुताबिक जांच में उन तस्करों के नेटवर्क का खुलासा हुआ जो भारत-बांग्लादेश सीमा के रास्ते लोगों को अवैध रूप से भारत पहुंचाने के धंधे में शामिल था. जांच में यह भी पता लगा कि आरोपी ऐसे लोगों को अवैध आधार कार्ड भी उपलब्ध कराते थे. अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने पहले इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था एवं वह अब भी भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करों के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखे हुए है.