Illegal Mining Case: अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री काल में हुए अवैध खनन घोटाले की आंच अब गायत्री प्रजापति के बाद सपा मुखिया तक पहुंच गई है. सीबीआई ने अखिलेश यादव को बतौर गवाह बुलाया गया है.
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लखनऊ. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को सीबीआई ने नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है. अखिलेश यादव को बतौर गवाह 29 फरवरी को पेश होने को कहा गया है. पूरा मामला सपा कार्यकाल में बतौर मुख्यमत्री रहते अवैध खनन से जुड़ा है. सूत्रों के मुताबिक 150 CrPc में उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
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दरअसल, 2012-13 में मुख्यमंत्री रहते खनन विभाग अखिलेश यादव के पास था. उस वक्त अवैध खनन को लेकर गंभीर आरोप लगे थे. 2016 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच शुरू हुई तो उसमें पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का नाम सामने आया. इतना ही नहीं अखिलेश यादव सरकार में कई जिलों की डीएम रहीं बी चंद्रकला पर भी आरोप लगे और उनके यहां भी छापेमारी हुई.
क्या है पूरा मामला?
सपा सरकार में हमीरपुर में 2012 से 2016 के बीच हुए अवैध खनन का मामला सामने आया था. इस मामले में सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग एक्ट समेत कई अन्य मामलों में एफआईआर दर्ज की थी. एफआईआर में तत्कालीन जिलाधिकारी बी चन्द्रकला समेत उन सभी 11 लोगों को नामजद किया गया है, जिनके नाम सीबीआई के एफआईआर में थे. जिसके बाद सीबीआई ने आईएएस अफसर बी चन्द्रकला के घर भी छापा मारा था. इस मामले में आईएएस बी. चंद्रकला और सपा एमएलसी रहे रमेश चंद्र मिश्रा समेत 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
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घोटाले के वक्त अखिलेश के पास था मंत्रालय
जब यह घोटाला हुआ था उस वक्त 2012 से 2013 के बीच खनन मंत्रालय अखिलेश यादव के ही पास था, जो उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री भी थे. अखिलेश के साथ-साथ उस अवधि में जितने भी मंत्री थे, सभी जांच के दायरे में आए है. इसी क्रम में अब बतौर गवाह अखिलेश यादव को पूछताछ के लिए बुलाया गया है.