रांची सहित विभिन्न जिलों में शराब पर एमआरपी से अधिक की वसूली जारी है। शिकायत करने पर दुकानदार मारपीट कर रहे हैं। यहां तक कि दारोगा को भी नहीं बख्श रहे हैं। लगातार अभियान के बावजूद जिलों में अवैध शराब की खपत हो रही है। इस मामले में आयुक्त उत्पाद का निर्देश व जिलों में उत्पाद अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों का संयुक्त अभियान व टास्क फोर्स टांय-टांय फिस्स है।
राज्य ब्यूरो, रांची। रांची सहित राज्य के सभी जिलों में शराब पर एमआरपी से अधिक कीमत की वसूली जारी है। एमआरपी से अधिक कीमत का विरोध किए तो मारपीट तय है, चाहे वह कोई भी क्यों न हो। यहां तो शराब दुकानदार दारोगा को भी नहीं बख्श रहे हैं।
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दुकानदार ने दरोगा के साथ की मारपीट
कुछ दिन पहले ही राजधानी के लालपुर थाना क्षेत्र में दारोगा ने एमआरपी से अधिक कीमत का विरोध किया तो उनके साथ दुकानदार ने मारपीट व गालीगलौज की।
आयुक्त उत्पाद का निर्देश व जिलों में उत्पाद अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों का संयुक्त अभियान व टास्क फोर्स भी टांय-टांय फिस्स है। लगातार अभियान के बावजूद अवैध शराब की खपत भी हो रही है। इसका खुलासा तब होता है, जब कहीं अवैध शराब की खेप पकड़ी जाती है।
राजस्व लक्ष्य के करीब पहुंचा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग अपने राजस्व लक्ष्य के काफी करीब पहुंच गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए निर्धारित राजस्व लक्ष्य 2360 करोड़ रुपये थे। इसके विरुद्ध फरवरी 2024 तक 2097.13 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हो चुकी है। विभाग इस बात को लेकर आश्वस्त है कि इस वर्ष विभाग राजस्व लक्ष्य को सौ प्रतिशत पूरा कर लेगा।
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शराब के अवैध धंधे में पकड़े गए 509 लोग
शराब के अवैध कारोबार के विरुद्ध उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने कार्रवाई भी की। अवैध शराब के निर्माण से लेकर बिक्री तक रोकने के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया है। लगातार अभियान चल रहा है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी 2024 तक कुल 7482 केस दर्ज किए गए हैं। इसमें 509 व्यक्ति पकड़े गए, उन्हें विभाग ने न्यायिक हिरासत में भी भेजा। ऐसे आरोपितों से एक करोड़, 65 लाख 91 हजार 158 रुपये का जुर्माना भी वसूला गया।
नासिक से हो रही होलोग्राम की सप्लाई
अवैध शराब का धंधा रोकने व प्रभावकारी नियंत्रण के लिए होलोग्राम नीति का क्रियान्वयन किया गया है। ऑनलाइन रियल टाइम आधार पर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने मनोनयन के आधार पर क्यूआर कोड आधारित होलोग्राम पर ट्रैक एंड ट्रेस प्रणाली व्यवस्था लागू की गई है। इसके लिए भारत प्रतिभूति मुद्रणालय नासिक महाराष्ट्र को होलोग्राम आपूर्ति का कार्य दिया गया है।
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पहले होलोग्राम आपूर्ति करने के लिए प्रिज्म को ठेका मिला था, जिसपर अनियमितता के आरोप लगे थे और इसके बाद विभाग ने उसे काली सूची में डाल दिया था। प्रिज्म को हटाने के बाद ही नासिक की कंपनी को होलोग्राम सप्लाई का काम मिला है।