Lok Sabha Election 2024 News: असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने उत्तर प्रदेश और बिहार की कई सीटों पर लड़ने की तैयारी की है. इस तरह ओवैसी, विपक्षी गठबंधन INDIA के मुस्लिम समर्थकों के वोट काट सकते हैं.
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Asaduddin Owaisi News: लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा इसी महीने हो सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्ताधारी एनडीए 400+ सीटें जीतने का दम भर रहा है. विपक्षी दलों के गठबंधन, INDIA को कुनबा जोड़कर रख पाने में ही नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल (RLD) ने INDIA कैंप से विदा ली तो बिहार में जनता दल (यूनाइटेड) जैसा मजबूत घटक दल छिटक गया. जयंत चौधरी की RLD और नीतीश की JDU ने बीजेपी से हाथ मिलाकर NDA में एंट्री ली. INDIA ब्लॉक के लिए पहले ही कम चुनौतियां थीं जो असदुद्दीन ओवैसी भी आ गए हैं. ओवैसी की पार्टी AIMIM ने लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी-बिहार की कई सीटों पर लड़ने का प्लान बनाया है. AIMIM विपक्षी धड़े का हिस्सा नहीं है. ऐसे में जहां ओवैसी अपने कैंडिडेट उतारेंगे, वहां मुस्लिम वोट काट सकते हैं. मुसलमान विपक्षी गठबंधन के लिहाज से अहम वोट बैंक है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओवैसी की पार्टी AIMIM यूपी की 20 सीटों पर लड़ने वाली है. बिहार की सात लोकसभा सीटों पर भी AIMIM अपने उम्मीदवार उतारेगी. 2019 के आम चुनाव में AIMIM ने सिर्फ बिहार की एक सीट पर उम्मीदवार खड़ा किया था.
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लोकसभा चुनाव 2024 : INDIA के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाएंगे ओवैसी! 10 बड़ी बातें
ओवैसी की AIMIM अपने गढ़ तेलंगाना में सबसे मजबूत है. पार्टी ने 2024 में सिकंदराबाद से भी चुनाव लड़ने की सोची है. AIMIM महाराष्ट्र में भी उम्मीदवार उतारेगी. मुंबई और मराठवाड़ा की सीटों पर ओवैसी की नजर है. हालांकि, AIMIM इस बार पश्चिम बंगाल में नहीं लड़ेगी.
असदुद्दीन ओवैसी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘हम हैदराबाद (तेलंगाना), औरंगाबाद (महाराष्ट्र) और किशनगंज (बिहार) में जरूर लड़ेंगे. हमारी बिहार यूनिट और सीटों पर लड़ना चाहती है. यूपी में भी ऐसी ही डिमांड हो रही है. महाराष्ट्र में मुंबई और मराठवाड़ा से लड़ने की बात चली है. हम जल्द तय करेंगे कि कितनी सीटों पर लड़ने वाले हैं.’
AIMIM के अभी लोकसभा में सिर्फ दो सांसद हैं. हैदराबाद से खुद ओवैसी MP हैं और औरंगाबाद से पार्टी के इम्तियाज जलील लोकसभा सदस्य हैं. 2019 में, किशनगंज सीट पर AIMIM कैंडिडेट अख्तर-उल-रहमान लगभग तीन लाख वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे. इस बार भी अख्तर ही यहां से AIMIM के उम्मीदवार होंगे. 2019 आम चुनाव में किशनगंज बिहार की कुल 40 सीटों में से इकलौती सीट थी जो कांग्रेस-राजद गठबंधन ने जीती थी.
यूपी-बिहार में AIMIM के इतने बड़े पैमाने पर चुनाव लड़ने के प्लान ने अन्य दलों की नींद उड़ा दी है. विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA को अपने कोर वोट बैंक में सेंध का डर सता रहा है. ओवैसी सीधे मुस्लिम वोट बैंक को टारगेट करते हैं. उत्तर भारत की कई सीटों पर मुस्लिम वोटर्स अहम भूमिका निभाते हैं, ओवैसी के आने से मुस्लिम वोट बंट सकता है. जाहिर है, नुकसान INDIA ब्लॉक का ही होगा.
AIMIM ने 2019 में यूपी के भीतर लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था. 2017 के निकाय चुनाव में पार्टी ने 32 सीटें जीतकर अपनी उपस्थिति जरूर दर्ज कराई थी. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में AIMIM का स्कोर जरूर 0 रहा मगर 10 से ज्यादा सीटों पर उसने ठीक-ठाक वोट बटोरे थे. मुंबई और मराठवाड़ा की करीब 12 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है. वहां AIMIM के उतरने से INDIA ब्लॉक की राह और मुश्किल हो सकती है.
बिहार के सीमांचल में, जहां मुस्लिमों की अच्छी-खासी आबादी है, AIMIM ने अच्छा प्रदर्शन किया है. पिछले विधानसभा चुनाव में AIMIM ने पांच सीटें जीती थीं. बाद में उसके चार विधायक राजद में शामिल हो गए. ओवैसी यह बात भुला नहीं पाए हैं. इसी वजह से AIMIM बिहार में विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनी.
ओवैसी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘बिहार में RJD तो INDIA के साथ है. RJD ने हमारे चार विधायक तोड़े, इसलिए उनके साथ गठबंधन का सवाल ही नहीं. AIMIM INDIA के साथ क्यों नहीं है, इसका जवाब INDIA ही दे सकता है. उन्होंने एक एलीट क्लब बना लिया है. उसकी मेंबरशिप केवल एलीट को मिलती है. वो शुरू से ही हमें गाली देते आ रहे हैं.’
AIMIM के बिहार प्रवक्ता आदिल हसन के मुताबिक, पार्टी किशनगंज के अलावा कटिहार, पूर्णिया, अररिया, दरभंगा, गया और मधुबनी सीट पर लड़ना चाहती है. बसपा के साथ गठबंधन के लिए बात चल रही है. 2020 में भी AIMIM और BSP साथ लड़ चुके हैं.
यूपी में AIMIM के प्रवक्ता शौकत अली ने कहा कि हमने सपा-बसपा समेत सभी विपक्षी दलों को सिग्नल भेजे थे, उधर से जवाब नहीं आया. हमने यूपी में 20 सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव ओवैसी साहब को भेजा है. अली के मुताबिक, AIMIM संभल, मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, सहारनपुर, कानपुर और जौनपुर में लड़ना चाहती है.
अली के मुताबिक, ‘सेक्युलर पार्टियां मुस्लिम नेतृत्व को अछूत मानती हैं.’ बकौल अली, ‘वे हमारे वोट चाहते हैं लेकिन हमारा नेतृत्व नहीं. आज सपा और कांग्रेस दोनों मुस्लिम वोट जोड़ने में लगे हैं. उन्हें डर है कि अगर कोई गठबंधन हुआ तो हम मजबूत बनकर उभरेंगे और उनका वोट बेस छिन जाएगा.’
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तेलंगाना में AIMIM का कैडर सिकंदराबाद सीट से लड़ने का दबाव बना रहा है. यहां से बीजेपी के राज्य प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी सांसद हैं. तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2023 में AIMIM ने भारत राष्ट्र समिति (BRS) का साथ दिया था.