Onion buffer stock: सरकार इस साल अपने बफर स्टॉक के लिए पांच लाख टन प्याज खरीदने की योजना बना रही है। इसका उपयोग कीमत बढ़ने की स्थिति में उसे काबू में करने के लिए किया जा सकता है।
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सूत्रों ने कहा कि सरकार की तरफ से एनसीसीएफ (नेशनल कॉअपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लि.) और नैफेड (नेशनल एग्रीकल्चरल कॉअपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लि.) जैसी एजेंसियां प्याज की खरीद करेंगी। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने पिछले साल पांच लाख टन का बफर स्टॉक बनाया था। इसमें से एक लाख टन अभी भी उपलब्ध है। अपने बफर स्टॉक से रियायती दर पर प्याज बेचने के सरकार के फैसले से कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिली है। बता दें कि सरकार इस महीने के अंत में प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटाने पर फैसला लेगी। यह रोक 31 मार्च तक है।
क्यों लिया गया फैसला
सरकार की बफर स्टॉक बनाने की योजना 2023-24 में प्याज के उत्पादन में गिरावट के अनुमान के बीच आई है।
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कृषि मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘प्याज का उत्पादन 2023-24 में लगभग 254.73 लाख टन होने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल यह लगभग 302.08 लाख टन था। महाराष्ट्र में 34.31 लाख टन, कर्नाटक में 9.95 लाख टन, आंध्र प्रदेश में 3.54 लाख टन और राजस्थान 3.12 लाख टन की उपज कम होने से कुल उत्पादन में यह गिरावट आने की आशंका है।’’ आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में प्याज का उत्पादन 316.87 लाख टन रहा था।
आलू के उत्पादन में भी गिरावट की आशंका: सरकार के अग्रिम अनुमानों के मुताबिक 2023-24 में आलू का उत्पादन लगभग 58.9 मिलियन टन रह सकता है, जो पश्चिम बंगाल में उत्पादन में गिरावट के कारण पिछले वर्ष के 60.1 मिलियन टन की तुलना में 3% कम है।
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वहीं, टमाटर का कुल उत्पादन 20.8 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष के 20.4 मिलियन टन से थोड़ा अधिक है।