बाहरी दिल्ली में तीन अलग-अलग स्थानों पर पुलिस को पॉलिथीन बैग्स मिले जिसके अंदर शरीर के टुकड़े थे, इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझा लिया गया है। तीनों स्थानों से मिले शरीर के अंगों का डीएनए टेस्ट कराया गया। जिससे पता चला कि यह एक ही शख्स के हैं। हालांकि मृतक की पहचान के लिए टेस्ट रिपोर्ट काफी नहीं थी। इसी बीच 28 जनवरी को पुलिस ने 41 साल के गौरव किशोर को गिरफ्तार किया जिसकी मदद से पुलिस मर्डर मिस्ट्री को सुलझा पाई। माना जा रहा है कि सभी बॉडी पार्ट्स एक रशियन आदमी के हो सकते हैं, जो लापता है।
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पिछले साल 21 और 22 दिसंबर को दिल्ली पुलिस को राजधानी में तीन लोकेशन से तीन पॉलिथीन बैग जिले। इनमें बिना हाथों वाली बांह, लिंब्स, पुरुष का निचला धड़, और में गर्दन से जुड़ी छाती थी। जनवरी 2024 में डीएनए टेस्ट से पता चला कि ये सभी अंग एक ही व्यक्ति के थे। एक पुलिस अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, ‘आरोपी ने दावा किया कि पिछले साल 20 दिसंबर को उसने एक रशियन आदमी की हत्या कर दी थी, जिसके साथ वह 2014-2023 तक तिहाड़ जेल में बंद था। उसने कहा कि पीड़ित स्पेशल सेल द्वारा दर्ज नशीले पदार्थों के केस के चलते जेल में था और अवैध तौर पर भारत में रह रहा था। किशोर ने कहा कि एक बार जेल से बाहर आने के बाद, रशियन व्यक्ति ‘जबरन’ बाहरी दिल्ली के कुंवर सिंह नगर में उसके किराए के घर में उसके साथ रहा।’
अधिकारी ने कहा कि किशोर ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि उसने रशियन शख्स की हत्या कर दी क्योंकि वह ‘उसे बहुत परेशान कर रहा था और यह असहनीय था।’ पुलिस उपायुक्त (बाहरी) जिमी चिरम ने एचटी को बताया कि आरोपी ने 2008 में एक ‘इसी तरह’ हत्या की थी जिसके लिए उसे दोषी ठहराया गया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि उन्होंने मामले को लेकर रूसी दूतावास को पत्र लिखा है।
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एक अन्य पुलिसकर्मी ने कहा, ‘हमने दूतावास से डीएनए टेस्ट के लिए रूस में मृतक के परिवार से संपर्क करने में मदद करने का अनुरोध किया है। यदि पहचान हो जाती है, तो हम शव को दूतावास को सौंप देंगे।’ हालांकि रूसी दूतावास ने इसपर टिप्पणी करने से मना कर दिया है। अधिकारी ने कहा, पुलिस का दावा है कि किशोर ने तकिये से मृतक का मुंह दबाकर हत्या कर दी और फिर मीट चॉपर से शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए, जिसे उसने कथित तौर पर बॉडी को ठिकाने लगाने के लिए खरीदा था। अधिकारी ने कहा, ‘चॉपर किशोर के घर के पास एक स्थान से बरामद किया गया है।’
इसके अलावा, आरोपी और मृतक जहां रहते थे, वहां से एक रूसी व्यक्ति के वीजा और पासपोर्ट की फोटोकॉपी भी बरामद की गई है। पुलिस ने कहा कि 300 से ज्यादा जगहों के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया गया लेकिन इससे कोई मदद नहीं मिली। किशोर के खिलाफ रणहौला पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाने) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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मामले का कैसे चला पता
21 दिसंबर को सुबह 9.27 बजे, बाहरी दिल्ली के रणहौला पुलिस स्टेशन में 29 साल के व्यक्ति का फोन आया, जिसने उन्हें बापरोला गांव के नाले में शरीर के कटे हुए हिस्सों वाली एक पॉलिथीन के बारे में जानकारी दी। “कॉल करने वाले ने कहा कि वह मवेशी को घुमा रहा था, तभी उसकी नजर एक बड़ी पॉलिथीन पर पड़ी और वह उसे रखना चाहता था। लेकिन करीब से उसे देखने पर पता चला कि इसमें शरीर के अंग थे, और उसने तुरंत पुलिस को बुलाया। दो घंटे बाद, एक पुलिस टीम ने पहली लोकेशन से बमुश्किल डेढ़ किमी दूर नांगलोई-नजफगढ़ रोड से एक आदमी के निचले धड़ के साथ एक और पॉलिथीन बैग बरामद किया।
इसके बाद 22 दिसंबर को, पुलिस को एक अन्य स्थान, कुंवर सिंह नगर में तीसरा पॉलिथीन बैग मिला – जिसमें गर्दन से जुड़ी हुई छाती थी। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘भले ही त्वचा का रंग और हिस्सों की बनावट एक-दूसरे से मेल खाती थी, लेकिन केवल डीएनए मैच रिपोर्ट ही हमें इस निष्कर्ष पर पहुंचने में मदद कर सकती थी की कि ये सभी एक ही व्यक्ति के थे।’
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पुलिस ने कहा कि 300 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया गया लेकिन कोई मदद नहीं मिली। एक अधिकारी मने कहा, ‘फिर हमने उन लेन की जांच की जो उन सड़कों को जोड़ती हैं जहां शरीर के हिस्से फेंके गए थे। सीसीटीवी फुटेज में, हमने एक संदिग्ध को देखा जिसने शरीर के अंगों को बापरोला गांव के नाले में फेंका था।’ आरोपी की पहचान होने के बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया और पूछताछ की गई।