Vande Metro Train: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का अगले महीने ट्रायल रन शुरू करने के बाद रेलवे इसी साल जुलाई में कम दूरी की इन वंदे मेट्रो ट्रेनों का भी ट्रायल रन शुरू करेगा. एक और जहां वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें एक हजार किलोमीटर से अधिक दूरी के रूट्स पर चलेंगी, वहीं वंदे मेट्रो ट्रेनें इंटरसिटी ट्रेन की तर्ज पर 100-250 किलोमीटर के रूट पर दो प्रमुख शहरों को जोड़ेंगी.
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नई दिल्ली. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के बाद भारतीय रेल अब जल्द ही वंदे मेट्रो ट्रेन की सौगात देने वाला है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का अगले महीने ट्रायल रन शुरू करने के बाद रेलवे इसी साल जुलाई में कम दूरी की इन वंदे मेट्रो ट्रेनों का भी ट्रायल रन शुरू करेगा. एक और जहां वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें एक हजार किलोमीटर से अधिक दूरी के रूट्स पर चलेंगी, वहीं वंदे मेट्रो ट्रेनें इंटरसिटी ट्रेन की तर्ज पर 100-250 किलोमीटर के रूट पर दो प्रमुख शहरों को जोड़ेंगी.
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ‘वंदे मेट्रो ट्रेनें लगभग 124 शहरों को जोड़ेंगी. इनमें कुछ चिह्नित रूट्स में लखनऊ-कानपुर, आगरा-मथुरा, दिल्ली-रेवाड़ी, भुवनेश्वर-बालासोर और तिरूपति-चेन्नई शामिल हैं.’ इसके अलावा बिहार के भागलपुर से पश्चिम बंगाल के हावड़ा के बीच भी वंदे मेट्रो ट्रेन चलने की खबर है.
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पूरी तरह से एसी होगी वंदे मेट्रो ट्रेन
मौजूदा रेलवे ट्रैक पर चलने वाली ये एसी ट्रेनें बड़े शहरों के बीच यात्रियों की जरूरतों को पूरा करेंगी और अनारक्षित श्रेणी में अधिक यात्रियों को ले जाएंगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पहली वंदे मेट्रो ट्रेन मई तक तैयार हो जाएगी और जुलाई महीने से पटरी पर इसका ट्रायल रन शुरू हो जाएगा. पूरी तरह से वातानुकूलित ये वंदे मेट्रो 130 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से यात्रा कर सकेगी. इसके प्रत्येक कोच में 280 लोग यात्रा कर सकते हैं, जिसमें 100 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी, जबकि 180 लोग खड़े होकर यात्रा कर सकते हैं.
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रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि वंदे मेट्रो ट्रेन से उन लोगों को मदद मिलेगी जो रोजाना एक शहर से दूसरे शहर काम के सिलसिले में जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘ये ट्रेनें बार-बार रुकने के साथ हाई स्पीड से चलेंगी. इनमें से प्रत्येक ट्रेन में 12 कोच और साइड सीटों के साथ बड़े ऑटोमेटिक दरवाजे होंगे. इसमें यात्रियों को खड़े होने के लिए ज्यादा जगह मिलेगी. रेलवे ने निकट भविष्य में लगभग 400 ऐसी ट्रेनें तैनात करने की योजना बनाई है.