किसी सैलरीड क्लास के व्यक्ति के लिए पीएफ बहुत जरूरी होता है. इसके कई लाभ हैं. इसमें पेंशन के साथ-साथ इंश्योरेंस की भी सुविधा मिलती है.
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देश में लाखों की संख्या में हर साल लोग अपनी पढ़ाई पूरी करके कंपनियों में नौकरी के लिए आवेदन करते है. लेकिन इनको अपने अधिकारों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होता है. पीएफ एक रिटायरमेंट प्लान है, जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) मैनेज करता है.
इस आर्टिकल में बात करेगें एक ऐसे विषय के बारे में जो हर नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए जानना जरूरी है. हम बात कर रहे है पीएफ की, जिसे हिन्दी में भविष्य निधि कहा जाता है. आइये, जानते हैं पीएफ क्या होता है और यह क्यों जरूरी है?
पीएफ क्या होता है?
पीएफ एक रिटायर्मेंट प्लान है, जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) मैनेज करता है. पीएफ योजना में कर्मचारी और उसका नियोक्ता/कंपनी हर महीने बराबर राशि का योगदान करते हैं जो मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% होता है. कंपनी के योगदान का 8.33% हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के लिए जाता है.
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ये स्कीम न सिर्फ टैक्स बेनिफिट देता है बल्कि अन्य सेविंग स्कीम की तुलना में अधिक ब्याज भी ऑफर करता है.
कौन होता है इसके लिए पात्र?
पीएफ के लिए देश का हर वो कर्मचारी पात्र होता है, जिसका मासिक वेतन महंगाई भत्ते के साथ 15000 रुपये या उससे अधिक होता है. कंपनी के लिए ये नियम है कि जिस कंपनी में 20 से ज्यादा लोग काम करते है. उस कंपनी का पीएफ के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है.
क्यों है जरूरी पीएफ?
किसी वेतनभोगी के लिए पीएफ इसलिए जरूरी होता है क्योंकि इससे कर्मचारी को लाभ मिलता है. पीएफ का सबसे बड़ा लाभ ये होता है कि इसमें रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलता है इसके साथ ही. पीएफ में इंश्योरेंस भी मिलता है. इसके साथ-साथ कभी आप अपने पीएफ खाते से पैसा निकाल सकते है.
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समस्या का समाधान कहां पायें?
अगर किसी वेतन भोगी को पीएफ से संबधित कोई समस्या होती है, तो EPFO के वेबसाइट पर जाकर इसका समाधान पा सकते हैं.