Pm Modi Nomination in Pushya Nakshatra: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीसरी बार वाराणसी से नामांकन भरने जा रहे हैं. पीएम मोदी पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे शुभ योगों के महायोग में नामांकन दाखिल करेंगे. जानिए क्यों बेहद शुभ माना गया है पुष्य नक्षत्र?
Lok Sabha Elections 2024: इस समय देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है. 4 चरण हो चुके हैं और 3 चरण का चुनाव बाकी है. इस बीच आज 14 मई को पीएम नरेंद्र मोदी वाराणसी से नामांकन दाखिल करेंगे. पीएम मोदी तीसरी बार वाराणसी से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं.
ये भी पढ़ें : EVM ऑर्डर पर PM मोदी के ‘करारा तमाचा’ वाली टिप्पणी पर कांग्रेस का पलटवार, कहा- चुनावी बांड एक थप्पड़…
कई शुभ योगों का महायोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में नामांकन के लिए जो दिन और समय चुना है, वह बेहद शुभ है. पीएम मोदी 14 मई, मंगलवार को सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर नामांकन करेंगे. यह समय बेहद खास है क्योंकि आज गंगा सप्तमी है. वहीं पुष्य नक्षत्र, आनंद योग, सर्वार्थ सिद्धि योग का महायोग बन रहा है. इसके अलावा यह अभिजीत मुहूर्त भी है.
…इसलिए बेहद शुभ माना गया है पुष्य नक्षत्र
पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा कहा गया है. पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्य बेहद शुभ फल देते हैं. इस नक्षत्र में खरीदारी करना, नए काम की शुरुआत करना बहुत शुभ माना गया है. पुष्य नक्षत्र का योग हर महीने बनता है. आज वैशाख शुक्ल सप्तमी के दिन पुष्य नक्षत्र है, जो कि और भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि आज गंगा सप्तमी है. इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है. इस मुहूर्त में किए गए काम अवश्य सिद्ध होते हैं, यानी कि उनमें सफलता मिलती है.
ज्योतिषीय गणना के अनुसार पुष्य नक्षत्र 13 मई की सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर शुरू हो चुका है और 14 मई को दोपहर 1 बजकर 5 मिनट तक रहेगा. इस दौरान अभिजीत मुहूर्त भी रहेगा और पीएम मोदी 11 बजकर 40 मिनट पर नामांकन दाखिल करेंगे.
ये भी पढ़ें : रोहन गुप्ता, गौरव वल्लभ के बाद कांग्रेस का एक और प्रवक्ता टूटा, BJP में राधिका खेड़ा
गंगा मैया का भी लेंगे आशीर्वाद
गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में डुबली लगाना या गंगाजल से स्नान कराना मोक्ष की प्राप्ति कराता है. साथ ही सुख, समृद्धि, सफलता और यश भी देता है. पीएम मोदी नामांकन भरने से पहले गंगा सप्तमी के शुभ मौके पर अस्सी घाट पर स्नान-ध्यान करके गंगा मैया का आशीर्वाद लेंगे. इसके बाद बाबा कालभैरव का दर्शन भी करेंगे.
कालभैरव को काशी का कोतवाल माना जाता है. माना जाता है कि भैरव बाबा की अनुमति के बिना कोई भी काशीवास नहीं कर सकता है. इसीलिए नामांकन करने से पहले पीएम मोदी भी कालभैरव बाबा के यहां अनुमति लेने जाएंगे.