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Gold Price Rise: रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे सोने के रेट, जानें- कैसी रहेगी आगे की चाल?

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सोने के भाव लगातार नई ऊंचाई बना रहे हैं, जिसके पीछे कई वजहें हैं. इसमें यूएस फेड के रेट में कटौती करने की उम्मीदें, जियो-पॉलिटिकल टेंशन और चीन का प्रभाव शामिल है.

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Gold Price On Record Highs: सप्ताह के पहले दिन यानी सोमवार को सोने की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं. 0614 GMT पर हाजिर सोना 1.4% उछलकर 2,448.98 डॉलर प्रति औंस हो गया, जो पहले सेशन में रिकॉर्ड 2,449.89 डॉलर तक पहुंच गया था. अमेरिकी सोना वायदा भी 1.5% बढ़कर 2,453.20 डॉलर पर पहुंच गया.

ग्लोबल ट्रेंड को देखते हुए भारत में 24K सोने की कीमत 540 रुपये बढ़कर 75,160 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई.

सोने के भावों में रैली के पीछे की वजह क्या है?

अमेरिकी इन्फ्लेशन और फेडरल रिजर्व उम्मीदें

अमेरिकी इन्फ्लेशन में नरमी के ट्रेंड का संकेत देने वाले हालिया आंकड़ों से अटकलें तेज हो गई हैं कि फेडरल रिजर्व जल्द ही ब्याज दरों में कटौती कर सकता है.

इन अटकलों ने सोने की कीमतों को सपोर्ट दिया है, क्योंकि कम ब्याज दरों से सोने जैसी नॉन-यील्ड वाली असेट रखने की अवसर लागत कम हो जाती है.

रॉयटर्स पोल के अनुसार, व्यापारियों का अनुमान है कि सितंबर तक अमेरिकी दर में कटौती की 65% संभावना है.

एक्सपर्टस अमेरिकी डॉलर और उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व जल्द ही दरों में कटौती की उम्मीद में सोने की कीमतों को मदद मिली है.

वीक डॉलर दूसरी करेंसीज का इस्तेमाल करने वाले खरीदारों के लिए डॉलर की कीमत वाले सोने को अधिक आकर्षक बनाता है.

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जियो-पॉलिटिकल टेंशन

बढ़ते जियो-पॉलिटिकल टेंशन ने सेक्योर्ड-असेट के तौर पर सोने की मांग को और बढ़ा दिया है.

हाल की घटनाओं में यूक्रेन की फोर्सेज द्वारा रूसी रिफाइनरी पर ड्रोन हमला शामिल है, जिसके कारण इसे अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा.

इसके अलावा, हौथी विद्रोहियों ने चीन के रास्ते में लाल सागर में एक तेल टैंकर पर हमला किया.

इस तरह की अनिश्चितताओं के कारण आमतौर पर सोने की कीमतों में उछाल आता है क्योंकि निवेशक स्थिरता चाहते हैं.

चीन का असर

सोने की कीमतों में बढ़ोतरी चीन, जो सर्राफा और औद्योगिक धातुओं का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, उससे भी प्रभावित है.

शुक्रवार को, चीन ने अपने संकटग्रस्त संपत्ति क्षेत्र को स्थिर करने के लिए “ऐतिहासिक” उपायों की घोषणा की, जिसने मेटल मार्केट को अतिरिक्त समर्थन प्रदान किया है.

आगे कैसी रहेगी चाल?

निवेशक अब फेडरल रिजर्व की लास्ट पॉलिसी बैठक के मिनटों पर नजर रख रहे हैं, जो बुधवार को जारी होने वाली है, साथ ही पूरे सप्ताह विभिन्न फेड अधिकारियों की टिप्पणियों पर भी नजर है. इससे मार्केट को आगे की दिशा मिल सकती है.

इन्फ्लेशन बचाव के रूप में सोने की स्थिति प्रमुख बनी हुई है, खासकर जब कम ब्याज दरों की संभावना के साथ तुलना की जाती है.

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जैसे-जैसे ग्लोबल इकोनॉमिक कंडीशंस और जियो-पॉलिटिकल आउटलुक डेवलप होते हैं, मेटल सेक्योरिटी और प्राइस अप्रीसिएशन दोनों चाहने वाले इन्वेस्टर्स को अपनी तरफ आकर्षित करना जारी रखती है.

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