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रिजर्व बैंक के एक्शन वाली तिमाही में पेटीएम का रेवेन्यू तीन फीसदी घटा, जानिए पूरी रिपोर्ट

paytm

नई दिल्ली: मोबाइल वॉलेट चलाने वाली कंपनी पेटीएम को तो जानते ही होंगे। इसी साल फरवरी महीने के दौरान कंपनी पर रिजर्व बैंक की गाज गिरी थी। आरबीआई के एक्शन के बाद से पेटीएम (RBI Action on Paytm) के शेयरों में जो पिटाई शुरू हुई, वह अभी तक उबर नहीं पाया है। आज ही कंपनी के तिमाही नतीजों की घोषणा हुई। इससे पता चला कि वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में उसका रेवेन्यू तीन प्रतिशत घटकर 2,267 करोड़ रुपये रह गया है।

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क्या रहा गिरावट का कारण

वित्त वर्ष 2023-24 की अंतिम तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू गिरा है। यह वही समय है, जबकि रिजर्व बैंक ने फाइनेंसियल सर्विसेज देने वाली इस कंपनी एक्शन लिया था। हालांकि, कंपनी का कहना है कि यह गिरावट प्रमुख रूप से वृहद आर्थिक चुनौतियों, बढ़ी प्रतिस्पर्द्धा और नियामकीय बदलावों के कारण आई है। पेटीएम ने कहा कि राजस्व घटने के बावजूद उसने मुनाफा बढ़ाने और परिचालन दक्षता में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। तभी तो पूरे वित्त वर्ष के लिए परिचालन से प्राप्त राजस्व 25 प्रतिशत बढ़कर 9,978 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह वृद्धि मुख्य रूप से ग्रॉस मर्केंडाइज वैल्यू (GMV), डिवाइसों की संख्या और वित्तीय सेवाओं के ऑफर बढ़ने के कारण दर्ज की गई है।

क्या रहा कंपनी का जीएमवी

वित्त वर्ष 2023-24 में पेटीएम का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (जीएमवी) 39 फीसदी बढ़कर 18.3 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी का कहना है कि मार्च 2024 तक प्लेटफॉर्म पर 1.07 करोड़ मर्चेंट सब्सक्राइबर थे जो एक साल पहले के मुकाबले 39 प्रतिशत ज्यादा है।

नुकसान कम हुआ

कंपनी का कहना है कि विकास और ऑपरेटिंग प्रॉफिट बढ़ने से कंपनी का ओवरऑल नुकसान 1,423 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले की तुलना में 354 करोड़ रुपये कम है। कंपनी ने बताया कि इसके अलावा, कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना (ईएसओपी) से पहले पेटीएम का ‘ब्याज, कर, मूल्य ह्रास और अमॉर्टाईजेश से पहले का लाभ’ (EBITDA) बढ़कर 559 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

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भुगतान सेवाओं का बढ़ा आकार

पेटीएम की भुगतान सेवाओं का आकार वित्त वर्ष 2023-24 में 6,235 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी ने कहा कि इस वृद्धि के पीछे विस्तृत पैमाने पर डिजिटल भुगतान को अपनाया जाना और मर्चेंट बेस के विस्तार पर कंपनी का जारी फोकस मुख्य वजह है। वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में साल-दर-साल आधार पर भुगतान सेवा का राजस्व सात फीसदी बढ़कर 1,568 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। मार्केटिंग सेवाओं का कारोबार 14 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,738 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2023-24 में यूपीआई के लिए प्रोत्साहन राशि के मद में कंपनी ने 288 करोड़ रुपये दिये जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 182 करोड़ रुपये था।

यूजर बढ़े

प्लेटफॉर्म पर यूजरों की सक्रियता में सकारात्मक रुख रहा। साल-दर-साल आधार पर सात प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में लेनदेन करने वाले यूजरों की औसत मासिक संख्या 9.6 करोड़ हो गई। हालांकि, अंतिम तिमाही में कंपनी को काफी अस्थायी बाधाओं का सामना करना पड़ा था। कंपनी ने एक नियामकीय फाइलिंग में कहा, “पेटीएम वॉलेट और फास्टैग जैसे पीपीबीएल के उत्पादों में पेटीएम के कारण उथल-पुथल रही। जैसा की हमने पहले कहा था, इन उत्पादों पर मौजूदा इमबार्गो के कारण हमें साल में ईबीआईटीडीए पर 500 करोड़ रुपये का प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।” कंपनी ने कहा कि इसका ज्यादातर प्रभाव वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में दिखेगा क्योंकि अधिकतर उत्पाद 2023-24 की चौथी तिमाही में परिचालन में थे।

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शेयर के दाम में भारी गिरावट

पेटीएम के शेयर इसी साल 31 जनवरी को 761 रुपये पर था। इसके बाद छह फरवरी को यह गिरकर 438 रुपये पर आ गया। आज समाचार लिखे जाते वक्त इसका शेयर 349 रुपये पर ट्रेड हो रहा था। आज के दिन पेटीएम का शेयर 356.90 रुपये पर खुला और यही आज के लिए उच्चतम स्तर रहा। नीचे में यह 344.65 रुपये तक आया।

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