बिजनेस डेस्क, इंदौर। सभी वेतन भोगी कर्मचारी और आयकरदाता इन दिनों आयकर रिटर्न भरने में व्यस्त है। आय-व्यय के इस हिसाब-किताब में हाउस रेंट अलाउंस (HRA) सैलरी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जो संगठित क्षेत्र के सभी कर्मचारियों को वेतन के साथ दिया जाता है।
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कई बार वेतन का करीब 50 फीसदी हिस्सा HRA के रूप में मिलता है। ऐसे में यदि आपको भी वेतन में एक बड़ा हिस्सा HRA के रूप में मिलता है तो आप Income Tax Return दाखिल करते समय आयकर छूट के लिए दावा कर सकते हैं। हालांकि इस एक शर्त यह है कि आप किराए के मकान में रहते हो। इसके अलावा HRA क्लेम आप ऐसी स्थिति में ही कर सकते हैं, जब आपने नई कर व्यवस्था का चुनाव नहीं किया हो। गौरतलब है कि नई टैक्स व्यवस्था में HRA छूट उपलब्ध नहीं है।
जरूर सबमिट करें ये डॉक्यूमेंट
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय आप उस स्थिति में ही HRA डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं, जब इसके लिए जरूरी डॉक्यूमेंट को जमा करना होगा, अन्यथा आपका एचआरए क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
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कर्मचारी की सैलरी स्लिम में यह विवरण दिया होता है कि उसे कितना HRA मिलता है। HRA किसी भी कर्मचारी की सैलरी का एक बड़ा हिस्सा होता है। फॉर्म 16 के भाग बी में इसकी जानकारी होती है। यदि आप किराए से रहते हैं तो Rent Agreement जमा कर सकते हैं और Rent Receipt भी जमा कर सकते हैं।
बिना पैन कार्ड के फाइल कर सकते हैं क्लेम
आयकर विभाग की ओर से Pan Card जारी किया जाता है। यदि यदि व्यक्ति सालाना किराया 1 लाख रुपये से कम देता है, तो मकान मालिक के पैन कार्ड की जरूरत नहीं होती है।
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वहीं किराया 1 लाख से अधिक होता है तो मकान मालिक के पैन डिटेल्स देना जरूरी होता है। यदि किराएदार सालाना 6,00,000 रुपए से ज्यादा किराए के रूप में देता है तो महीने के किराए से 10 फीसदी का TDS कटता है।