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सरकार ने लगाया Airtel पर तगड़ा Fine, जानिए आखिर क्या थी वजह

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DoT fines Airtel: एयरटेल (Airtel) को दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा एक नया जुर्माना लगाया गया है. हाल ही में स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में, भारती एयरटेल ने बताया कि सरकारी विभाग ने टेलीकॉम कंपनी पर सब्सक्राइबर वेरिफेशन नॉर्म्स का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाया है. कंपनी ने बताया कि उसे 27 मई को पंजाब टेलीकॉम डिपार्टमेंट (लाइसेंस सर्विस एरिया) से एक नोटिस मिला था.

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नोटिस में लगाया एयरटेल पर आरोप

इस नोटिस में एयरटेल पर लाइसेंस एग्रीमेंट के तहत सब्सक्राइबर वेरिफेशन नॉर्म्स का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. ये आरोप दूरसंचार विभाग द्वारा मार्च में किए गए सैंपल एप्लीकेंट फॉर्म (CAF) ऑडिट के बाद लगाए गए हैं. विभाग ने इन उल्लंघनों के लिए एयरटेल पर 1,79,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. भारती एयरटेल ने कहा कि ‘फाइनेंशियल इम्पैक्ट केवल लगाए गए जुर्माने तक ही सीमित है.’ इससे पहले अप्रैल में, दूरसंचार विभाग पंजाब एलएसए ने इसी उल्लंघन के लिए 1,56,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

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पहले भी लग चुकी हैं पेनल्टी

इससे पहले, मार्च में, दूरसंचार विभाग (DoT) ने भारती एयरटेल पर लगभग 4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. उस समय, एयरटेल पर दिल्ली और बिहार सर्कल में सब्सक्राइबर वेरिफेशन नॉर्म्स का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया गया था. पिछले कुछ नियमों के बारे में जो एयरटेल ने शेयर बाजार को बताए थे, उनके अनुसार दूरसंचार विभाग (DoT) के दिल्ली वाले दफ्तर ने भी उन्हें जुर्माना लगाया था. जुर्माना राशि ₹2.55 लाख थी.  दूरसंचार विभाग ने जनवरी 2023 के लिए सैंपल सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन फॉर्म (CAF) की जांच के बाद, लाइसेंस एग्रीमेंट के तहत सब्सक्राइबर वेरिफेशन नॉर्म्स के उल्लंघन का आरोप लगाया था.

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क्या है डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम की गाइडलाइन?

जून 2027 में, दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए अपने ग्राहकों की आइडेंटिटी वेरिफिकेशन करने के लिए दिशा-निर्देश और प्रक्रियाएं तय की थीं. DoT ने यह भी बताया कि टेलीकॉम एन्फोर्समेंट रिसोर्स एंड मॉनिटरिंग सेल किस तरह से सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन का पालन करेंगे. ये नियम ग्राहक रिकॉर्ड्स को सटीक बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि वे नियामक आवश्यकताओं का पालन करते हैं. 

दिशानिर्देशों के अनुसार, टेलीकॉम कंपनियों को नए ग्राहकों को जोड़ते समय उनकी आइडेंटिटी वेरिफेशन करने के लिए KYC प्रक्रियाओं को लागू करने की आवश्यकता होती है. DoT यह सुनिश्चित करने के लिए रेगुलर इंटरवल्स पर सैंपल कस्टमर एप्लीकेशन फॉर्म (CAF) ऑडिट भी करता है कि टेलीकॉम कंपनियां सब्सक्राइबर वेरिफेशन नॉर्म्स का पालन कर रही हैं.

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