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संसद का गणित : राहुल गांधी को पीएम बनना है तो खेलना होगा 37 का खेल

Rahul Gandhi On Election Result : ये जीत जनता की जीत है, गरीबों की जीत है जो सीधे नरेंद्र मोदी और अमित शाह से लड़ रहे थे, ईडी-सीबीआई से लड़ रहे थे. राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव रिजल्ट के बाद जब ये बात कही तो सवाल पूछा गया- क्या विपक्ष में बैठेंगे या सरकार बनाएंगे..

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Rahul Gandhi Election Result: लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम रूझान और रिजल्ट को देख कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूरे मूड में थे. हाथ में संविधान की प्रति के साथ प्रेस के सामने आए. इससे पहले मल्लिकार्जुन खरगे उनका होमवर्क कर चुके थे. उनकी भारत जोड़ो और भारत जोड़ो न्याय यात्रा की भूमिका बताकर. राहुल ने संविधान को दिखाया और कहा कि जनादेश इसी को बचाने का है. जब वो बोल रहे थे तब INDIA गठबंधन 235 सीटों पर आगे था और भारतीय जनता पार्टी की अगुआई में एनडीए 290 सीटों पर आगे. यानी बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटों से 18 आगे. पर, ट्विस्ट बीजेपी के सरकते जनाधार ने पैदा किया है. 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव के उलट बीजेपी 240 सीटों पर सिमटती दिख रही है. यानी अकेले दम पर बहुमत से 32 सीटें पीछे छूट रही है. ये 2019 के 303 के आंकड़े से तो बेहद कम है. इसी कांग्रेस खेमे में उत्साह पैदा कर दिया कि राहुल गांधी चाहें तो अगली सरकार बना सकते हैं.

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तो जब एक पत्रकार ने पूछा कि आप जनादेश को गरीबों की जीत बता रहे हैं, ऐसे में उनके लिए विपक्ष में बैठ कर काम करना पसंद करेंगे या सरकार बनाने की कोशिश करेंगे. इस सवाल का जवाब देने से पहले राहुल गांधी ने खरगे से बोलने को कहा. राहुल ने इस बात का मान रखा कि खरगे पार्टी के अध्यक्ष हैं. जब खरगे ने उन्हीं से गुजारिश कर दी तो राहुल बोले – देखिए यहां एक फाइन लाइन है. और मैं बिना अपने सहयोगियों से पूछे इसका जवाब नहीं दे सकता. कल शायद बैठक है. हम बात करेंगे फिर तय करेंगे कि जो दल हमारे साथ नहीं है, क्या उनसे बात की जाए.

इस लिहाज से राहुल का अंदाज काफी संजीदा था. गठबंधन धर्म की बारीकियों को समझते हुए उन्होंने इस सवाल को टाल दिया. लेकिन अगर सरकार बनाने का दावा पेश करना हो तो नंबर कहां से आएंगे. निश्चित तौर पर इसके लिए एनडीए में सेंधमारी करनी होगी. दो सबसे बड़े पार्टनर्स पर उनकी नजर होगी- तेलुगुदेशम पार्टी (टीडीपी) जिसके 16 सांसद हैं औऱ नीतीश कुमार की जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) जिसके 12 सांसद हैं. इसके अलावा सात निर्दलीय एक बड़ा चंक है. तीनों को मिलाकर 35 का जुगाड़ होता है और इंडिया के पास है 235. अब 35 और जोड़ दें तो आंकड़ा पहुंचता है 270. जादुई नंबर से दो कम.

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लेकिन चांस अभी भी है. राजनीति संभावनाओं का खेल है. किसी भी कैलकुलेशन को इग्नोर नहीं कर सकते. असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM मोदी के नाम पर राहुल गांधी को सपोर्ट कर सकती है. इसके अलावा नगीना लोकसभा सीट से जीते आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण भी हैं. नीतीश कुमार की तरह यू टर्न पॉलिटिक्स के माहिर जेडीएस के दो सांसद होने की संभावना है. अगर ये मिला दें तो आंकड़ा 274 पहुंच सकता है. लेकिन ये कहना आसान है करना मुश्किल क्योंकि केसी त्यागी साफ कर चुके हैं कि नीतीश अप पलटी नहीं मारेंगे. उधर चंद्रबाबू नायडू जिस हाल से गुजरे हैं उसके बाद बने अपने साथी को छोड़ना कतई पसंद नहीं करेंगे क्योंकि उनका सीएम बनना तय है. वो डबल इंजन लगाने में ही भलाई समझेंगे.

इन सब खेल से पहेल संवैधानिक व्यवस्था भी समझना जरूरी है. एनडीए चुनाव पूर्व बना गठबंधन है. इसलिए राष्ट्रपति इसे सिंगल ब्लॉक की तरह ट्रीट करेंगे. चूंकि बहुमत है, इसलिए सरकार बनाने के लिए मोदी को ही आमंत्रित करेंगे. फिर अगर कोई अगला खेल होना है तो सदन ही तय करेगा.

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