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World Environment Day पर इन तरीकों से दे सकते हैं पर्यावरण संरक्षण में अपना कीमती योगदान

विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरणीय चुनौतियों- जैसे जलवायु परिवर्तन प्रदूषण और जैव विविधता के नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। World Environment Day हर साल 5 जून को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना और प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना है।

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लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के उद्देश्य से पूरी दुनिया में हर साल 5 जून का दिन World Environment Day के रूप में मनाया जाता है। 1972 में पर्यावरण को लेकर वैश्विक स्तर पर पॉलिटिकल एंड सोशल अवेयरनेस लाने के लिए इस दिन को मनाने की पहल हुई थी। इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद घोषित गया था। जिसके बाद से हर साल यह दिवस मनाया जा रहा है।

विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की थीम

5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था। लोगों में पर्यावरण जागरूकता को जगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से संचालित World Environment Day दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन है। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘लैंड रीस्टोरेशन, डीसर्टिफिकेशन और ड्राउट रेजिलेंस‘ (land restoration, stopping desertification and building drought resilience) है।  

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पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें उठाने होंगे ये जरूरी कदम

पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक होने की सबसे ज्यादा जरूरत है। स्वस्थ और साफ-सुथरा वातावरण मानव जीवन के लिए कितना जरूरी है इसका महत्व समझना होगा। प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर रोक लगानी होगी, जिससे आने वाली पीढ़ी भी साफ हवा में सांस ले सके। इसके लिए इन बातों पर दें ध्यान।

1. ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं। जरूरी नहीं जमीन पर ही पेड़ लगाएं, आसपास गमलों में भी पौधे लगा सकते हैं और घर के साथ आसपास के वातावरण को भी हरा-भरा बनाए रख सकते हैं।

2. पानी का काम करते समय नल को आधा ही खोलें, जिससे पानी बर्बाद न हो। ब्रश करते या हाथ धोते वक्त लगातार नल चलाकर न रखें। 

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3. खाना बनाते या खाते वक्त जरूरत के मुताबिक ही बर्तन का इस्तेमाल करें, जिससे उन्हें धोने में ज्यादा पानी वेस्ट न हो।

4. नहाने, कपड़े, घर या गाड़ी को धोने के लिए कम से कम पानी का उपयोग करें।

5. कम उवर्रक व कीटनाशकों का प्रयोग करें, जिससे मिट्टी को दूषित होने से बचाया जा सके। अगर पॉसिबल हो तो ऑर्गेनिक खेती करें।

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6. ऊर्जा की बचत पर भी खास ध्यान दें। कम बिजली, कम गैस का इस्तेमाल करें और अगर पॉसिबल हो तो सौर ऊर्जा का उपयोग करें।

7. पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा इस्तेमाल करें। इससे हम वाहनों से होने वाले एयर पॉल्यूशन को कम कर सकते हैं।

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