All for Joomla All for Webmasters
धर्म

Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा पर पूजा के समय करें ये विशेष उपाय, पितृ दोष से मिलेगी निजात

ganga

यह पर्व हर वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि गंगा नदी में स्नान-ध्यान करने से जातक द्वारा जन्म-जन्मांतर में किए गए सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही साधक को मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। साथ ही पितरों की भी पूजा करने का विधान है।

ये भी पढ़ें– Ixigo IPO Opens Today: इक्सिगो का आईपीओ आज से खुल गया, आपको पैसे लगाना चाहिए या नहीं यहां जानिए

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganga Dussehra 2024: सनातन पंचांग के अनुसार, 16 जून को गंगा दशहरा है। यह पर्व हर वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने का विधान है। सुविधा न होने पर साधक गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करते हैं। इसके बाद विधि-विधान से मां गंगा की पूजा करते हैं। सनातन शास्त्रों में निहित है कि राजा सगर के पुत्रों को मोक्ष दिलाने हेतु ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। धार्मिक मत है कि गंगा दशहरा पर गंगा स्नान कर पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। गुरुड़ पुराण में गंगा दशहरा पर विशेष उपाय करने का विधान है। इन उपायों को करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए, गंगा दशहरा के उपाय जानते हैं-

गंगा दशहरा के उपाय

  • अगर आप पितृ दोष से पीड़ित हैं, तो गंगा दशहरा के दिन गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। सुविधा होने पर गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाएं। इसके बाद तिलांजलि दें। इसके लिए अंजलि यानी हथेली पर काले तिल रखकर गंगा की जलधारा में प्रवाहित करें। तिलांजलि तीन बार करें। गुरुड़ पुराण में निहित है कि तीन पीढ़ी के पूर्वजों का तर्पण करना चाहिए। इसके लिए तीन बार तिलांजलि करें।
  • गंगा दशहरा के दिन गंगाजल युक्त पानी से स्नान करने के बाद गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इस समय पितरों को मोक्ष प्रदान करने की कामना भगवान शिव से करें। इस उपाय को करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

ये भी पढ़ें– Stocks in News: आज Paytm, JSW Energy, Suzlon, Mphasis समेत फोकस में रहेंगे ये शेयर, इंट्राडे में दिखेगा एक्‍शन

  • अगर आप पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो गंगा दशहरा के दिन स्नान-ध्यान के बाद गंगाजल में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा में मुखकर पितरों को जल का अर्घ्य दें। इस समय निम्न मंत्र का जप करें।
  • गोत्रे अस्मतपिता (पितरों का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकमगंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।
  • गोत्रे अस्मतपिता (पिता का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकमगंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।
  • गोत्रे मां (माता का नाम) देवी वसुरूपास्त् तृप्यतमिदं तिलोदकमगंगा जल वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः”
  • पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए गंगा दशहरा की शाम को छत पर दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं। साथ ही पितरों से सुख, समृद्धि और वंश वृद्धि की कामना करें। इन उपायों को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है।
Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top