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अमरनाथ यात्रा, मोदी का दौरा और चुनाव… कश्मीर पर मंडरा रहा आतंकी साया, टेररिस्ट कर रहे बड़ा प्लान, अलर्ट जारी

Threats From Terror Groups: कश्मीर में आतंकी समूहों की ओर से बढ़ते खतरों और संभावित हमलों के संकेत देने वाली खुफिया सूचनाओं के बाद सुरक्षा उपाय बढ़ाए गए हैं. अमरनाथ यात्रा के बाद हालात का जायजा लेने के बाद होने वाले विधानसभा चुनावों के नजरिये से भी ये सुरक्षा उपाय जरूरी हैं.

नई दिल्ली. कश्मीर में पिछले दिनों में कई आतंकी हमले हुए हैं. मगर कश्मीर से अभी आतंकी हमलों का खतरा पूरी तरह टला नहीं है. आतंकी अमरनाथ यात्रा, इलेक्शन और पीएम मोदी के राज्य के दौरे में बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू-कश्मीर दौरे और अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर केंद्रीय एजेंसियां, सुरक्षा बल और स्थानीय प्रशासन व्यापक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने पर ध्यान दे रहे हैं. कश्मीर में आतंकी समूहों की ओर से बढ़ते खतरों और संभावित हमलों के संकेत देने वाली खुफिया सूचनाओं के बाद सुरक्षा के ये उपाय जरूरी हैं. अमरनाथ यात्रा खत्म होने के बाद हालात का जायजा लेने के बाद होने वाले विधानसभा चुनावों के नजरिये से भी ये सुरक्षा उपाय जरूरी हैं. रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सुरक्षा समीक्षा बैठक होने वाली है. सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में होने वाले कार्यक्रमों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की संभावना है.

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इस महीने की शुरुआत में अमरनाथ यात्रा के लिए रानीखेत, गुवाहाटी, पटना और लखनऊ समेत अन्य जगहों से सुरक्षा बलों को जम्मू-कश्मीर भेजा गया था. सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय पुलिस बल पहले से ही जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं. मगर हाल ही में हुए हमलों के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को और अधिक सुरक्षा बलों की जरूरत महसूस हो रही है. सूत्रों ने कहा कि चूंकि जम्मू पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, इसलिए वहां सुरक्षा बलों को आवाजाही के लिए और ज्यादा बुलेटप्रूफ गाड़ियां मिलेंगी. स्थानीय पुलिस की सहायता के लिए जम्मू-कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ जम्मू में विशेष आतंकवाद विरोधी रैपिड एक्शन टीमों का उपयोग कर सकता है.

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सोशल मीडिया पर कई धमकियां
ऑपरेशन की निगरानी कर रहे एक बड़े अधिकारी ने न्यूज18 को बताया कि विभिन्न आतंकी समूहों से कथित तौर पर धमकी भरे संदेश अब विभिन्न सोशल मीडिया समूहों में दोगुने हो गए हैं. केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने इनपुट जनरेशन की निगरानी के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को तैनात किया है, जिन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि 9 जून को रियासी हमले के बाद से हम लगभग दोगुनी संख्या में इनपुट देख रहे हैं, जिसमें एक बस में नौ नागरिक मारे गए थे. सुरक्षा बल आतंकवादियों के छिपे होने का संदेश देने वाले इनपुट पर कार्रवाई करने के लिए खुफिया एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहे हैं.

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अमित शाह करेंगे समीक्षा बैठक
केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात और अमरनाथ यात्रा की तैयारी की समीक्षा के लिए 16 जून को नॉर्थ ब्लॉक में बैठक बुलाने का भी निर्देश दिया. बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, एनएसए, केंद्रीय गृह सचिव, सेना, पुलिस, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. जम्मू-कश्मीर में 72 घंटे के भीतर तीन आतंकी हमले हुए हैं. मंगलवार शाम को आतंकियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक गांव पर हमला किया, जिसमें एक नागरिक घायल हो गया. इसके बाद तलाशी अभियान के दौरान एक आतंकी मारा गया, जबकि दूसरे छिपे हुए आतंकी को बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं. जिसके बारे में माना जा रहा है कि वह सीमा पार से घुसपैठ कर आया है. आतंकवादियों ने रविवार को रियासी के शिव खोरी मंदिर से कटरा जा रहे तीर्थयात्रियों की एक बस पर हमला किया. गोलीबारी के कारण बस गहरी खाई में गिर गई, जिससे नौ लोगों की मौत हो गई तथा 41 अन्य घायल हो गए.

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