All for Joomla All for Webmasters
समाचार

Explainer: दिल्ली में क्यों हो रही पानी की कमी? कहां से मिलता है पानी; जान लीजिए जल संकट की असली वजह

water

Water Crisis in Delhi: भीषण गर्मी की वजह से दिल्ली में पानी की डिमांड बढ़ गई है और लोगों को जल संकट से जूझना पड़ रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली को पानी कहां से मिलता है और अभी क्यों दिल्ली में पानी की इतनी कमी हो गई है?

Delhi Water Crisis: दिल्ली में पानी की किल्लत पर एक ओर जनता परेशान है तो दूसरी ओर राजनीति भी इसे लेकर काफी बेचैन है. बीजेपी आज दिल्ली सरकार के खिलाफ सड़क उतरने वाली है. दिल्ली में पानी की परेशानी कितनी बड़ी है, ये वही जानता है जिसे टैंकर आने के बाद बाल्टी और डब्बे लेकर उस टैंकर के पीछे भागना पड़ता है. हालात ये हैं कि वजीराबाद पॉन्ड में पानी लगभग खत्म हो चुका है. इस बात से परेशान दिल्ली सरकार ने केंद्र से मदद मांगी है. दिल्ली के विधायकों ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को पत्र लिखकर रविवार को मिलने का समय मांगा है. माना जा रहा है कि आने वाले एक दो दिन में पानी के लिए त्राहिमाम हो सकता है. लेकिन, दूसरी तरफ इस पर सियासी पारा भी हाई है. शनिवार को बीजेपी ने अलग अलग इलाकों में दिल्ली सरकार के खिलाफ मोर्चा निकाला. आज भी बीजेपी नेता और कार्यकर्ता दिल्ली में अलग अलग जोन में प्रदर्शन करने वाले हैं. भीषण गर्मी के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लोग जल संकट से जूझ रहे है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली को इस्तेमाल के लिए पानी कहां से मिलता है और अभी क्यों दिल्ली में पानी की कमी हो गई है?

ये भी पढ़ें RBI ने Central Bank of India पर लगाया ₹1.45 करोड़ का जुर्माना, किस नियम का पालन करने में रहा नाकाम

दिल्ली को कहां-कहां से मिलता है पानी?

दिल्ली के पास पानी का अपना कोई सोर्स नहीं है, जिस वजह से उसे पड़ोसी राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है. दिल्ली जल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार राजधानी दिल्ली को प्रति दिन 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत होती है और ज्यादातर पानी हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब से मिलता है. दिल्ली को हरियाणा से यमुना नदी से, पंजाब से रावी-ब्यास नदी के अलावा भाखड़ा-नांगल और उत्तर प्रदेश से गंगा नदी से पानी मिलता है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश से ऊपरी गंगा नहर के जरिए गंगा नदी से दिल्ली को 470 क्यूसेक (लगभग 254 एमजीडी) पानी मिलता है. हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करने वाले दो चैनल- कैरियर लाइन्ड चैनल (CLC) और दिल्ली सब ब्रांच (DSB) यमुना और रावी-ब्यास नदियों से पानी की आपूर्ति करते हैं.

दिल्ली को CLC के माध्यम से 719 क्यूसेक पानी मिलता है, जो एक लाइन्ड चैनल है जिसका उद्देश्य रिसाव से होने वाले पानी के नुकसान को कम करना है. DSB के माध्यम से दिल्ली को 330 क्यूसेक (कुल मिलाकर लगभग 565 MGD) पानी मिलता है. दिल्ली जल बोर्ड (DJB) भी मांग को पूरा करने के लिए यमुना से सीधे पानी लेता है. दिल्ली जल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली को नदी से सीधे पानी खींचने के लिए कोई विशिष्ट मात्रा में पानी आवंटित नहीं किया गया है. कुल मिलाकर दिल्ली को लगभग 565 MGD पानी मिलता है. इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड जल आपूर्ति को भूजल से भी पूरा करता है, जिसमें से लगभग 135 एमजीडी पानी ट्यूबवेल और रेनी कुओं से प्राप्त होता है. लेकिन, दिल्ली में .

ये भी पढ़ें अमरनाथ यात्रा, मोदी का दौरा और चुनाव… कश्मीर पर मंडरा रहा आतंकी साया, टेररिस्ट कर रहे बड़ा प्लान, अलर्ट जारी

दिल्ली में जल संकट की असली वजह क्या है?

भीषण गर्मी की वजह से दिल्ली में पानी की डिमांड बढ़ी है और भू-जल स्तर काफी नीचे जा चुका है. इसके साथ ही दिल्ली के ट्यूबवेल और रेनी कुएं, आसपास की नदियां सूख गई हैं. इसके अलावा जल प्रदूषण भी बड़ी वजह है. नदियों में, झीलों और अन्य जल स्रोतों में बढ़ते प्रदूषण की वजह से उनका पानी पीने लायक नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में रोजाना 1300 मिलियन गैलन पानी की जरूरत होती है और दिल्ली जल बोर्ड (DJB) करीब एक हजार एमजीडी पानी का ही उत्पादन करता है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में मई और जून महीने में बारिश में भारी कमी दर्ज की गई है. दिल्ली जल बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि कम बारिश का मतलब है कि यमुना में दिल्ली जल बोर्ड के लिए उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद जलाशय से पानी निकालने के लिए पर्याप्त पानी नहीं था. 674.5 फीट (समुद्र तल से ऊपर) के ‘सामान्य’ स्तर के मुकाबले, 31 मई को जलाशय में जल स्तर 670.3 फीट था.

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब ऐसी स्थिति पैदा हुई है, लेकिन इस बार स्थिति ज्यादा भयावह हो गई है. पिछले कुछ सालों में भी गर्मियों में भी वजीराबाद जलाशय में जल स्तर और भी कम रहा है. जून 2022 में यह 667.7 फीट के स्तर पर पहुंच गया था. कम बारिश के अलावा जलस्तर पर परिवहन के दौरान होने वाले नुकसान, रिसाव और वाष्पीकरण के कारण भी असर पड़ता है. हरियाणा सिंचाई और जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि गर्मियों में हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए 352 क्यूसेक पानी में से काफी हिस्सा परिवहन के दौरान ही बर्बाद हो जाता है.

ये भी पढ़ेंWeather Rain Update: हे भगवान! दिल्ली में ये क्या हुआ, मानसून की रफ्तार पर कहां लगा ब्रेक? UP-बिहार में हाहाकार… रात में दोपहर वाली गर्मी

यमुना से दिल्ली को कितना पानी आवंटित किया जाता है?

1994 में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के बीच यमुना के जल बंटवारे को लेकर समझौता हुआ था. इसके अनुसार, दिल्ली को मार्च से जून तक 0.076 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलता है. दिल्ली के लिए वार्षिक आवंटन 0.724 बीसीएम है. यह लगभग 435 एमजीडी के बराबर है. साल 1994 में हुए इस समझौते में 2025 में संशोधन किया जाना है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top