केरल में वन विभाग के अधिकारी ने एक बाघ को पकड़ा है। बताया जा रहा है ये बाघ केरल को निवासियों परेशान कर रहा था और हाल ही में उसने चार गायों को मार डाला था। इसके मद्दनेजर केरल वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया। बता दें कि स्थानीय निवासियों ने अपनी सुरक्षा की मांग करते हुए धरना भी किया था।
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पीटीआई, वायनाड। केरल में पिछले कई दिनों से स्थानीय निवासी और किसान बाघ के डर से दहशत के माहौल में जी रहे हैं। इस बीच अब केरल निवासियों के लिए एक राहत की खबर सामने आई है। वन विभाग ने केरल से एक बाघ को पकड़ा है। वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया था। ‘थोलपेट्टी 7’ के रूप में पहचाने जाने वाला बाघ यहां के पास केनिचिरा क्षेत्र में आतंक मचा रहा था, जिसने दो दिनों में चार गायों को मार डाला।
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वन अधिकारियों ने बताया कि रविवार रात करीब 11 बजे जानवर वन विभाग की तरफ से लगाए गए जाल में गिर गया था। बाघ ने गौशालाओं में पहुंचकर वहां मौजूद मवेशियों पर हमला किया था। इस दौरान वो वन विभाग के बिछाए हुए जाल में फंस गया।
बाघ को चिड़ियाघर में किया जाएगा ट्रांसफर
वन विभाग ने जंगली जानवर की प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच की है और कहा है कि इसमें बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं होने का संदेह है। सूत्रों ने कहा कि विभाग के लिए इसे जंगल में खुला छोड़ना आसान नहीं होगा क्योंकि बाघ शिकार के लिए पर्याप्त स्वस्थ नहीं है।
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साथ ही अधिकारी आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान करने के बाद बड़ी बाघ को राज्य के किसी भी चिड़ियाघर में ट्रांसफर करने के सुझाव पर भी विचार कर रहे हैं।
सड़क पर बैठ गए थे स्थानीय निवासी
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बता दें कि बाघ से मारे जाने की लगातार घटनाएं सामने आने के बाद से स्थानीय निवासी सड़क पर बैठ गए और अपने जीवन और आजीविका की सुरक्षा की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे। वन अधिकारियों ने यह भी कहा था कि बाघ के हमले में गाय खोने वाले किसानों को अग्रिम राशि के रूप में 30,000 रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि बाकी रकम गायों के शवों के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें सौंप दी जाएगी।