Rahul Gandhi News: राहुल गांधी को बड़ी जिम्मेदारी मिली है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे. पार्टी संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को पत्र भेज कर इस संबंध में कांग्रेस के फैसले के बारे में उन्हें अवगत कराया है. नेता प्रतिपक्ष बनने की खबर सुनते ही राहुल गांधी का अलग अंदाज दिखा.
नई दिल्ली: राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बन गए हैं. 20 साल के पॉलिटिकल करियर में पहली बार राहुल गांधी यह जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं. इंडिया गठबंधन के सभी घटकल दलों से विचार-विमर्श करने के बाद राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है. नेता प्रतिपक्ष बनते ही राहुल गांधी के बदले-बदले अंदाज नजर आने लगे हैं. वह काफी कॉन्फिडेंट नजर आ रहे हैं. उनके हाव-भाव किसी बड़ी कहानी की ओर इशारा कर रहे हैं. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के ऐलान के बाद राहुल गांधी की दो तस्वीरें सामने आईं. दोनों तस्वीरों में राहुल गांधी एक अलग ही रंग में दिख रहे हैं. उनके चेहरे पर नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की खुशी और चमक साफ देखी जा सकती है.
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दरअसल, कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे के घर मंगलवार को ‘इंडिया अलायंस’ की बैठक हुई. इस बैठक में इंडिया अलांयस घटक दलों के सभी नेता मौजूद थे. इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष को लेकर चर्चा हुई. बैठक में सभी एकमत पर पहुंचे कि राहुल गांधी को ही नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए. बैठक में राहुल गांधी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पद की जिम्मेदारी दिए जाने को लेकर प्रोटेम स्पीकर को पत्र लिखा गया. जैसे ही इंडिया अलांयस की बैठक में यह ऐलान हुआ कि राहुल गांधी ही नेता प्रतिपक्ष होंगे, रायबरेली के सांसद का चेहरा खिल उठा. मल्लिकार्जुन खरगे के घर से आईं इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि कैसे राहुल गांधी इस पद पाकर खुश हैं. हालांकि, ऐलान से पहले राहुल बैठक में चुपचाप और शांत भाव से सबको सुनते दिखे.
तस्वीरें बयां कर रही बड़ी कहानी
जैसे ही नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने का ऐलान हुआ, राहुल गांधी का चेहरा खिल गया. उन्होंने पहले दिल पर हाथ रखा और फिर हाथ जोड़कर सबका शुक्रिया अदा किया. पहली तस्वीर में राहुल गांधी दिल पर हाथ रखे हुए नजर आ रहे हैं. वहीं, दूसरी तस्वीर में वह नमस्कार करते दिख रहे हैं. इस दौरान खरगे भी मुस्कुराते नजर आए. इस बैठक में करीब 20 नेता मौजूद थे. इसी बैठक में राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की स्क्रिप्ट लिखी गई. राहुल गांधी ने पहली बार 2004 में एक्टिव पॉलिटिक्स में कदम रखा था. वह उसी साल पहली बार अमेठी से चुनाव लड़े थे और जीते थे. तब स उन्होंने कभी भी नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं संभाला. मगर इस बार राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं.
नेता प्रतिपक्ष का ऐलान होते ही हाथ जोड़ते राहुल गांधी
अलग तेवर में दिखेंगे राहुल गांधी
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही कांग्रेस के अंदर राहुल को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की मांग उठ रही थी. अब चूंकि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष होंगे, तो संसद का माहौल भी अलग ही दिखेगा. जब बतौर सांसद लोकसभा में राहुल के इतने तेवर दिखते थे, तो ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि अब लोकसभा में कहानी कैसी होगी. राहुल गांधी फ्रंट फुट से खेलने की पूरी कोशिश करेंगे. लोकसभा चुनाव के नतीजों से राहुल गांधी को बूस्टर डोज मिला है. ऐसे में वह हर मुद्दे पर सदन में सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे. इस बार तो उनके पास संख्याबल भी ठीक है. खुद कांग्रेस के पास 2019 के मुकाबले दोगुने सांसद हैं. बाकी इंडिया अलांयस के साथियों का भी प्रदर्शन बेहतर हुआ है.
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खरगे के साथ मीटिंग में मौजूद राहुल दिल पर हाथ रखे हुए.
इस बार संसद में बुलंद होगी विपक्ष की आवाज
ऐसे में आने वाले दिनों में राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष अलग लेवल पर घमासान करता दिख सकता है. सरकार के लिए कोई भी बिल पास कराना इतना आसान नहीं होगा. कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि राहुल गांधी सदन में विपक्ष की मजबूत आवाज बनकर उभरेंगे. वह मजबूती से सदन के सामने आम जनता से लेकर विपक्ष की आवाज को रखेंगे. राहुल गांधी को यह जिम्मेदारी मिलने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 18वीं लोकसभा में लोकसभा सही मायनों में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगी. राहुल गांधी उनकी आवाज बन रहे हैं. राहुल गांधी इस बार उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं. इससे पहले वह लोकसभा में केरल के वायनाड और उत्तर प्रदेश के अमेठी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वह पांचवीं बार लोकसभा पहुंचे हैं.
राहुल के करियर पर एक नजर
राहुल गांधी ने 2004 में भारतीय राजनीति में कदम रखा और अपना पहला चुनाव अमेठी से लड़ा. यह वही सीट थी जिसका प्रतिनिधित्व उनकी मां सोनिया गांधी (1999-2004) और उनके दिवंगत पिता राजीव गांधी ने 1981-91 के बीच किया था. राहुल गांधी लगभग तीन लाख मतों के भारी अंतर से जीते. 2009 में वह फिर जीते लेकिन 2014 में उनकी जीत का अंतर कम हो गया और 2019 में ईरानी से हार गए. राहुल गांधी को 2013 में कांग्रेस का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया और 16 दिसंबर, 2017 को उन्होंने पार्टी की कमान संभाली. लोकसभा चुनावों में हार के बाद उन्होंने मई 2019 में अध्यक्ष पद छोड़ दिया. इसके बाद से राहुल ने देशभर में यात्राएं निकालीं. कन्याकुमारी से कश्मीर तक की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के अलावा उन्होंने मणिपुर से मुंबई तक की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ भी की. कांग्रेस नेताओं ने राहुल की इन पहलों की पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों को प्रेरित करने के लिए सराहना की. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 99 सीट जीती हैं.