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क्या बिक जायेगी हमारी आपकी सबकी प्यारी whirlpool, क्यों आ रही ऐसी नौबत, क्या होगी सौदे की कीमत?

भारत में होम अप्लायंसेस के लिए घर-घर में पहचानी जाने वाली कंपनी व्हर्लपूल बिक सकती है. इस अमेरिकी कंपनी को खरीदने के लिए जर्मनी की बॉश विचार कर रही है.

नई दिल्ली. जर्मन इंजीनियरिंग समूह रॉबर्ट बॉश अमेरिकी होम अप्लायेंस मेकर व्हर्लपूल का अधिग्रहण करने के लिए बोली लगा सकती है. रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि बॉश इस संबंध में एडवाइजर्स से बात कर रही है. बता दें कि व्हर्लपूल का बाजार पूंजीकरण लगभग 4.8 अरब डॉलर है. बॉश अगर ये अधिग्रहण कर पाती है कि होम अप्लायंस के मार्केट में उसकी उपस्थिति मजबूत होगी. हालांकि, अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

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हालांकि, दोनों ही कंपनियों के प्रवक्ताओं ने कहा है कि कंपनियां “बाजार की अफवाहों” पर टिप्पणी नहीं करती हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के बाद शुरुआती कारोबार में अमेरिकी कंपनी के शेयरों में 12.7% की बढ़ोतरी देखी गई. व्हर्लपूल हाल के वर्षों में एक बड़े पुनर्गठन के दौर से गुजर रही है. इसने अपने यूरोपियन बिजनेस को एक नई कंपनी में बदल दिया है जिसका नियंत्रण इसकी टर्किश प्रतिद्वंदी आर्सेलिक के पास है. इसके अलावा कंपनी ने अपने मिडिल ईस्ट और अफ्रीकी व्यवसायों को बेच दिया है.

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बदलाव की कोशिश
घर-घर में वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसे बड़े उपकरणों के लिए मशहूर व्हर्लपूल ने हाल के वर्षों में एस्प्रेसो मशीन और अन्य रसोई उपकरणों को भी बाजार में उतारा है. इसकी वजह यह है कि अपने पारंपरिक उत्पादों की विकास में इसे मंदी का सामना करना पड़ रहा है. मिशिगन स्थित कंपनी ने हाल ही में कहा था कि वह प्रॉफिट मार्जिन बढ़ाने के लिए लगभग 1,000 नौकरियों में कटौती करेगी. पिछले दो वर्षों में व्हर्लपूल ने अपने बाज़ार मूल्य का लगभग 50% खो दिया है.

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क्या है जानकारों की राय?
आरबीसी कैपिटलल मार्केट्स के एनालिस्ट माइकल डाल का कहना है कि लोग कम खर्च कर रहे हैं और इसका असर व्हर्लपूल पर भी दिख रहा है. लॉन्गबो के रिसर्च एनालिस्ट डेविड मैक्ग्रेगर ने कहा है कि अगर कोई कंपनी सही बोली लगाती है तो व्हर्लपूल संभवत: बिक्री पर विचार कर सकती है.

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