FPI Investment : चुनाव के दौरान बाजार से धड़ाधड़ पैसा निकालने वाले विदेशी निवेशक मोदी की सत्ता में वापसी के साथ ही लौट आए हैं. जून में विदेशी निवेश के आंकड़े देख लगता है कि उनका भरोसा फिर से भारतीय बाजार पर बढ़ने लगा है.
नई दिल्ली. चुनाव के दौरान घबराए विदेशी निवेशकों का भरोसा नई सरकार बनते ही सातवें आसमान पर पहुंच गया. पीएम मोदी को तीसरी बार सत्ता में देखने के बाद विदेशी निवेशकों का भरोसा एक बार फिर भारतीय बाजार पर बढ़ गया. इसकी बानगी जून के आंकड़े पेश करते हैं, जहां विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने साल 2024 में दूसरा सबसे ज्यादा निवेश किया है. इससे पहले सिर्फ मार्च के महीने में ही विदेशी निवेशकों ने इससे ज्यादा निवेश किया था. आपको बता दें कि चुनाव के दौरान लगातार दो महीने तक विदेशी निवेशकों ने निकासी की और बाजार से हजारों करोड़ रुपये निकाल लिए.
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पीएम मोदी के सत्ता में लौटते ही विदेशी निवेशक भी बाजार में लौट आए. जून में विदेशी निवेशकों ने 3.2 अरब डॉलर (करीब 26 हजार करोड़ रुपये) का निवेश भारतीय बाजार में किया. इससे पहले मार्च में 4.2 अरब डॉलर (करीब 34 हजार करोड़) का सबसे ज्यादा निवेश आया था. आपको बता दें कि चुनाव के दौरान विदेशी निवेशकों ने अप्रैल में 1.04 अरब डॉलर (करीब 8,400 करोड़ रुपये) और मई में 3.1 अरब डॉलर (करीब 25 हजार करोड़ रुपये) की निकासी भारतीय बाजार से की थी.
निफ्टी 11 फीसदी चढ़ा
बाजार ने 2024 की शुरुआत से ही तेजी बना रखी है और जून में एनडीए सरकार की वापसी के बाद तो सेंसेक्स और निफ्टी नए रिकॉर्ड पर पहुंच गए हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि निफ्टी ने 2024 के शुरुआती 6 महीने में ही 11 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न दिया है. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही जून में करीब 7 फीसदी की उछाल दर्ज कर चुके हैं. जून तिमाही में भी दोनों इंडेक्स का 7.3 फीसदी रिटर्न रहा है.
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मिडकैप और स्मॉलकैप का दमदार प्रदर्शन
बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप ने भी बाजार में बेहतर प्रदर्शन किया है. मिडकैप ने जून में 7.7 फीसदी का रिटर्न दिया तो स्मॉलकैप भी 10.8 फीसदी की बढ़त बना चुका है. अगर जून तिमाही के आंकड़े देखें तो मिडकैप को 17 फीसदी और स्मॉलकैप को 21 फीसदी का रिटर्न मिला है.
जुलाई में हमेशा रही है तेजी
बाजार अभी बुलिश है, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर और महंगाई काबू में है और निवेशकों को इससे भरोसा मिलता है. अगर 2015 को छोड़ दें तो साल 2014 के बाद से हर जुलाई में बाजार को तेजी मिली है. चालू वित्तवर्ष में माना जा रहा है कि बाजार 30 फीसदी तक ग्रोथ दे सकता है. विश्लेषकों का मानना है कि इस आने वाले 3 से 5 साल में विदेशी निवेश 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, क्योंकि सरकार की नीतियों पर लोगों को भरोसा है.