कानूनों के लागू होने से पहले, राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न स्थानों और खासकर पुलिस स्टेशनों पर लोगों को नए कानूनों के बारे में बताने वाले पोस्टर लगाए गए.
तीन नए आपराधिक कानून- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई से पूरे देश में लागू हो गए हैं. नए आपराधिक कानूनों के तहत पहली एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) सोमवार को दिल्ली के कमला मार्केट पुलिस स्टेशन में एक स्ट्रीट वेंडर के खिलाफ दर्ज की गई. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज में बाधा डालने के आरोप में भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत मामला दर्ज किया गया.
कानूनों के लागू होने से पहले, राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न स्थानों और खासकर पुलिस स्टेशनों पर लोगों को नए कानूनों के बारे में बताने वाले पोस्टर लगाए गए. पोस्टर्स कनॉट प्लेस, तुगलक रोड, तुगलकाबाद और कई अन्य पुलिस स्टेशनों पर देखे गए. पोस्टरों में कानूनों की जानकारी दी गई थी और बताया गया कि उनसे क्या बदलाव आएगा. नए आपराधिक कानून भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़े बदलाव लाएंगे.
तीन नए कानून कौन से कानूनों की जगह लेंगे
भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम नए लागू हुए हैं. ये ब्रिटिश-युग की भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे.
क्या दर्ज हुआ पहला केस
धारा भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत पहली एफआईआर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कमला मार्केट पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज के नीचे बाधा डालने और बिक्री करने के आरोप में एक स्ट्रीट वेंडर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत मामला दर्ज किया गया है. एफआईआर के मुताबिक, आरोपी की पहचान बिहार के बाढ़ निवासी पंकज कुमार के रूप में हुई है.
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पुलिस ने FIR में उल्लेख किया है कि आरोपी मुख्य सड़क के पास ठेले पर तंबाकू और पानी बेच रहा था, जिससे आने-जाने वालों को बाधा और परेशानी हो रही थी. जब उस इलाके में गश्त कर रही पुलिस ने आरोपी को अपना ठेला हटाने के लिए कहा, तो उसने अधिकारियों की बात अनसुनी कर दी.