Pm Kisan Yojana Rule किसानों को आर्थिक लाभ देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है। इस योजना का लाभ देश के करोड़ों किसानों को मिल रहा है। अगर आप भी योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन करने वाले हैं तो आपको एक बार उसके नियम व कानून को अवश्य जान लेना चाहिए।
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बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। PM Kisan Scheme Rule: केंद्र सरकार एग्रीकल्चर सेक्टर के विकास पर ध्यान दे रही है। इसके लिए सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं भी चलाई है। इनमें से पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM KIsan Samman Nidhi Yojana) काफी पॉपुलर स्कीम है।
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इस स्कीम का लाभ देश के करोड़ों किसानों को मिल रहा है। जून में ही केंद्र सरकार ने 11 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक अकाउंट में पीएम किसान योजना की 17वीं किस्त की राशि डाली थी। आपको बता दें कि इस योजना में किसानों को सालना 6,000 रुपये मिलते हैं जो 2,000 प्रति किस्त के हिसाब से किसानों के अकाउंट में आती है।
वर्तमान में सरकार ने इस योजना के नियमों को सख्त कर दिया है। दरअसल, देश के कई किसान फर्जीवाड़ा कर रहे थे। ऐसे में उनपर नकेल कसने के लिए सरकार ने यह कदम लिया है।
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अगर आप भी पीएम किसान योजना का लाभ उठाते हैं या फिर उठाने का सोच रहे हैं तो आपको एक बार पीएम किसान योजना के नियमों के बारे में जान लेना चाहिए। आइए, सबसे पहले जानते हैं कि एक परिवार में कितने सदस्य योजना का लाभ उठा सकते हैं।
परिवार में कितने सदस्य को मिलेगा योजना का लाभ
पीएम किसान योजना के नियमों के मुताबिक एक किसान परिवार में केवल एक ही सदस्य को योजना का लाभ मिलेगा। इसका मतलब है कि अगर पिता को योजना का लाभ मिल रहा है तो बेटे या फिर बीवी को कोई लाभ नहीं मिलेगा।
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अगर एक सदस्य के अलावा दूसरा व्यक्ति इस स्कीम के लिए आवेदन करता है तब आवेदन रद्द हो जाएगा।
योजना का लाभ पाने के लिए जरूर करें ये काम
लाभार्थी को योजना का लाभ पाने के लिए ई-केवाईसी और जमीन का वेरीफिकेशन करवाना होगा। यह दोनों काम करना अनिवार्य है। दरअसल, कई किसानों के पास जमीन नहीं थी पर फिर भी वह योजना का लाभ उठा रहे थे। ऐसे में सरकार ने यह नियम जारी किया। वेरीफिकेशन के बाद जमीन का मालिकाना हक स्पष्ट हो जाता है।
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अगर नियमों को नहीं कर रहे हैं पालन
अगर कोई किसान गलत तरीके से योजना का लाभ उठाता है और पकड़ा जाता है तब उसका नाम लाभार्थी लिस्ट से बाहर कर दिया जाता है। इसके अलावा उसे जितनी किस्त की राशि मिली है उसे भी लौटाना पड़ता है। यहां तक कि सरकार उसके खिलाफ सख्त एक्शन भी ले सकती है।