Union Budget 2024 Date: बजट की तारीख को लेकर वित्त मंत्रालय के सूत्रों से एक नया अपडेट मिला है. इसके हिसाब से बजट 22 जुलाई को पेश नहीं होगा. जानिए किस दिन वित्त वर्ष 2024-25 का पहला पूर्ण बजट पेश होने की उम्मीद जताई जा रही है.
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Budget 2024 Date: एनडीए की सरकार बनने के बाद लोगों को वित्त वर्ष 2024-25 के पहले पहले पूर्ण बजट (Union Budget) का इंतजार है. बजट की तैयारियां जोरों से चल रही हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) लगातार बजट को लेकर तमाम सेक्टर्स के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर रही हैं. अब तक 22 जुलाई को बजट पेश होने की बात कही जा रही थी, लेकिन अब इस मामले में वित्त मंत्रालय के सूत्रों से एक नया अपडेट सामने आया है.
22 जुलाई नहीं, तो कब आएगा बजट?
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक 22 जुलाई को इकोनॉमिक सर्वे पेश हो सकता है, वहीं FY2024-25 का पूर्ण बजट 23 जुलाई को पेश किया जा सकता है. दरअसल 22 जुलाई को संसद का मॉनसून सत्र (Monsoon Session) शुरू होने जा रहा है. ऐसे में सत्र के पहले दिन इकोनॉमिक सर्वे और दूसरे दिन बजट पेश होने की संभावना है. हालांकि इस मामले में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
Modi 3.0 का पहला पूर्णकालिक बजट
बता दें कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का ये पहला पूर्णकालिक बजट है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सातवीं बार बजट पेश करेंगीं. इससे पहले बतौर वित्त मंत्री वो 5 पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश कर चुकी हैं. FY2024-25 का अंतरिम बजट 1 फरवरी 2024 को पेश किया गया था. Modi 3.0 के इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. माना जा रहा है कि इस बजट में आम लोगों के लिए टैक्स को लेकर बड़ी घोषणा हो सकती है.
क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे
बजट से एक दिन पहले इकोनॉमिक (Economic Survey 2024) सर्वे पेश किया जाता है. इकोनॉमिक सर्वे एक साल में देश के आर्थिक विकास का सालाना लेखा-जोखा होता है, जिसके आधार पर यह अंदाजा लगाया जाता है कि पिछले एक साल से अंदर देश की अर्थव्यवस्था किस तरह की रही. किन मोर्चों पर फायदा मिला और कहां नुकसान हुआ. इसी इकोनॉमिक सर्वे के आधार पर यह तय किया जाता है कि आने वाले साल में देश की अर्थव्यवस्था के अंदर किस तरह की संभावनाएं मौजूद हैं.
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इकोनॉमिक सर्वे के आधार पर सरकार को सुझाव भी दिए जाते हैं, लेकिन इन्हें लागू करना है या नहीं करना, यह सरकार की जिम्मेदारी होती है. इकोनॉमिक सर्वे से न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था का पूर्वानुमान लगाया ही जाता है, साथ ही यह भी अंदाजा लगाया जाता है कि पिछले साल के आधार पर क्या महंगा होगा और क्या सस्ता हो सकता है.