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उत्तराखंड

Uttarakhand Weather: मानसून तबाही मचाने को तैयार, अगले तीन दिन भारी वर्षा का अलर्ट, पहाड़ में भूस्खलन और बाढ़ की चेतावनी जारी

Uttarakhand Weather उत्तराखंड में मूसलधार वर्षा का सिलसिला जारी है। दून में दो दिन से लगातार वर्षा हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार कुमाऊं में अगले तीन दिन भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश में बीते तीन दिन के भीतर सामान्य 36 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में मूसलधार वर्षा का सिलसिला जारी है। दून में दो दिन से लगातार वर्षा हो रही है। जबकि, गढ़वाल के पर्वतीय क्षेत्रों में भी कहीं-कहीं हल्की से मध्यम वर्षा का क्रम बना हुआ है। 

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गुरुवार को देहरादून के मालसी, राजपुर क्षेत्र में मूसलाधार बारिश हुई।

इससे पहले बुधवार को जौलीग्रांट में एक दिन के भीतर सर्वाधिक 137 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा कुमाऊं के बागेश्वर, नैनीताल समेत अन्य जिलों में भी भारी वर्षा का दौर जारी है। पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाएं भी होने लगी हैं।

कुमाऊं में अगले तीन दिन बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, कुमाऊं में अगले तीन दिन भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, देहरादून, हरिद्वार टिहरी और पौड़ी जिले में भी कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है, जिसे लेकर आरेंज अलर्ट और शेष जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।

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अगले तीन दिन कहीं-कहीं अतिवृष्टि के आसार हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्के से मध्यम भूस्खलन एवं चट्टानें गिरने की आशंका है। जिससे सड़कों, राजमार्गों, पुलों का अवरुद्ध होना, बिजली, पानी आदि सेवाओं के प्रभावित होने की संभावना है। नदियों में बाढ़ आने के कारण बांध-बैराजों पर सिल्ट जम सकती है।

देहरादून में 24 घंटे में 135 मिमी वर्षा

दून में दो दिन से रुक-रुककर लगातार वर्षा हो रही है। मंगलवार को भारी वर्षा के बाद बुधवार को भी दिनभर हल्की से मध्यम वर्षा का क्रम बना रहा। दून में 24 घंटे के भीतर 135 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जबकि, जौलीग्रांट क्षेत्र में प्रदेश में सर्वाधिक 143 मिमी वर्षा हुई।

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इसके अलावा हल्द्वानी में 124 मिमी, बागेश्वर के कपकोट में 108 मिमी, ऊधमसिंह नगर के गदरपुर, बाजपुर और गूलरभोज में भी 100 मिमी से अधिक वर्षा हुई। सल्ट में 105 और ऋषिकेश में 102 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। इसके साथ ही प्रदेश में बीते तीन दिन के भीतर सामान्य 36 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है।

दून में दिनभर बूंदाबांदी से गिरा पारा

मंगलवार को भारी वर्षा के कारण जलभराव से बुधवार को कुछ राहत रही, लेकिन क्षतिग्रस्त सड़कों पर जरूर परेशानियां बरकरार हैं। इसके अलावा दून में दिनभर हल्की से मध्यम वर्षा के कारण पारे में और गिरावट दर्ज की गई।

दून का अधिकतम तापमान 28.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से करीब साढ़े तीन डिग्री सेल्सियस कम है। तीन दिन के भीतर दून का अधिकतम तापमान करीब पांच डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। जबकि, न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस है, जो कि सामान्य से करीब दो डिग्री सेल्सियस अधिक है। आर्द्रता बढ़ने के कारण दिन और रात के तापमान में मामूली अंतर रह गया है।

प्रमुख शहरों का तापमान

  • शहर, अधिकतम, न्यूनतम
  • देहरादून, 28.5, 25.2
  • ऊधमसिंह नगर, 27.6, 25.0
  • मुक्तेश्वर, 18.1, 17.3
  • नई टिहरी, 23.7, 19.8

निगम के दावों की खुली पोल, सड़कों पर बह रहा कूड़ा

मानसून की वर्षा ने दून में जोर पकड़ लिया है। इसके साथ ही नगर निगम के दावों की पोल भी खुलने लगी है। नाले चोक होने के कारण वर्षा का पानी सड़कों पर बह रहा है। इसके साथ ही ओवरफ्लो नालियों से कूड़ा व गंदगी भी सड़क पर पसर रही है।

शहर के तमाम चौक-चौराहों पर प्लास्टिक समेत अन्य कूड़ा बिखरा हुआ है। इसके अलावा निर्माण कार्यों के चलते क्षतिग्रस्त सड़कें भी दूनवासियों को दर्द दे रही हैं। वर्षा का पानी गड्ढों में जमा है और उधड़ी सड़कों पर हादसों का खतरा बना हुआ है।

सवा छह घंटे से बंद रहा बदरीनाथ राजमार्ग, यात्री परेशान

ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजामार्ग पर शिवपुरी के समीप भारी भरकम चट्टान टूटने से भारी मात्रा में मलबा आ गया, जिससे मार्ग अवरुद्ध हो गया। करीब सवा छह घंटे बाद मार्ग पर आया मलबा हटाकर यातायात सुचारू किया जा सका। इस बीच मार्ग के दोनों ओर पांच-पांच किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। जाम के चलते वाहनों में फंसे यात्री तथा पर्यटक परेशान रहे।

बुधवार को क्षेत्र में हुई भारी वर्षा के चलते करीब दो बजे बदरीनाथ मार्ग पर शिवपुरी के समीप पहाड़ी की ओर से एक भारी भरकम चट्टान टूटकर आ गई। गनीमत रही कि इस दौरान कोई वाहन मलबे की चपेट में नहीं आया। मलबा आने से मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची दो पोकलैंड मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम शुरू किया गया।

मगर, लगातार हो रही वर्षा के चलते पहाड़ी की ओर से मलबा मार्ग पर आता ही रहा। जब तक मलबा हटाकर मशीनें आगे बढ़ती, तब तक और भी अधिक मलबा और बोल्डर सड़क पर जमा हो जाता। जिससे मार्ग को दुरुस्त करने में घंटों का समय लग गया। इस बीच मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। शिवपुरी की ओर से एबुलेंस भी जाम में फंसी रही। छह घंटे से अधिक समय तक मार्ग बंद होने के कारण जाम में फंसे हजारों यात्री व पर्यटक भी परेशान रहे।

रात्रि करीब सवा आठ बजे मार्ग से मलबा और बोल्डर हटाकर यातायात सुचारु किया जा सका। जिसके बाद पुलिस ने बड़ी मुश्किल से वन-वे करके दोनों ओर फंसे वाहनों को निकाला। वरिष्ठ उप निरीक्षक मुनिकीरेती योगेश पांडे ने बताया कि फिलहाल मार्ग पर यातायात व्यवस्था सुचारू कर दी गई है।

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