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Anti-Quota Protest: बांग्लादेश में हालात बेहद गंभीर, अब तक 25 की मौत, देश भर में अर्धसैनिक बल तैनात, 10 बड़े अपडेट्स

Anti-Reservation Protest in Bangladesh: देशभर में यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स सरकारी नौकरियों के लिए आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं. 

Anti-Quota Protest News: बांग्लादेश में गुरुवार को छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान राजधानी ढाका तथा अन्य जगहों पर हिंसा भड़कने से कम से कम 18 और लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से मरने वालों की संख्या 25 हो गई है. बता दें देशभर में यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स सरकारी नौकरियों के लिए आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं. जानते हैं दस बड़े अपडेट्स

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1-2500 से अधिक घायल
समाचारपत्र ‘द डेली स्टार’ ने कहा, ‘दर्शनकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों तथा सत्तारूढ़ पार्टी के लोगों के बीच आज देश भर में हुई झड़पों में कम से कम 18 लोग मारे गए तथा 2,500 से अधिक लोग घायल हो गए.’

प्राइवेट सोमॉय टेलीविजन चैनल ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए रबड़ की गोलियों, आंसू गैस और साउंड ग्रेनेड का इस्तेमाल जारी रखा.

कई दिनों के प्रदर्शनों और हिंसक झड़पों में लोगों की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों ने बीती रात देश में ‘पूर्ण बंद’ लागू करने का संकल्प लिया.

2-मृतकों में अधिकतर छात्र शामिल
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच बड़ी झड़पें राजधानी के उत्तरा इलाके में हुईं जहां कई प्राइवेट यूनिवर्सिटी स्थित हैं. अधिकारियों ने मरने वालों की तत्काल पहचान जारी नहीं की लेकिन खबरों से पता चलता है कि मृतकों में से अधिकतर छात्र शामिल हैं. इससे पहले, मंगलवार को छह लोगों की मौत हो गई थी.

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3-सरकारी टेलीविजन भवन की घेराबंदी
चश्मदीदों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने ढाका के रामपुरा इलाके में सरकारी बांग्लादेश टेलीविजन भवन की घेराबंदी कर दी. इसके एक हिस्से को क्षतिग्रस्त कर दिया और वहां खड़े अनेक वाहनों को आग लगा दी. इससे वहां पत्रकारों सहित कई कर्मचारी फंस गए.

4-ढाका में मेट्रो-रेल-इंटरनेट बंद
बढ़ती हिंसा के कारण अधिकारियों को गुरुवार दोपहर से ढाका आने-जाने वाली रेलवे सेवाओं के साथ-साथ राजधानी के अंदर मेट्रो रेल को भी बंद करना पड़ा. आधिकारिक बीएसएस समाचार एजेंसी ने बताया कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों को विफल करने के लिए मोबाइल इंटरनेट नेटवर्क बंद करने का आदेश दिया.

5-देशभर में अर्धसैनिक बल तैनात
सरकार ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजधानी सहित देश भर में अर्धसैनिक बल ‘बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश’ के जवानों को तैनात किया है.

6-कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने को कहा
कई कार्यालयों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा. देश में सरकारी कार्यालय और बैंक खुले रहे क्योंकि अर्धसैनिक बल ‘बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश’ (बीजीबी), दंगा रोधी पुलिस और विशिष्ट अपराध रोधी रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) ढाका और अन्य प्रमुख शहरों में सड़कों पर तैनात थी, लेकिन सीमित परिवहन के कारण उपस्थिति कम रही.

7-देश के कई हिस्सों में बस सर्विस रही बंद
ढाका और देश के बाकी हिस्सों के बीच बस सेवाएं भी बंद रहीं और लोग घरों में ही रहे. स्थानीय बाजारों और शॉपिंग मॉल में सीमित प्रवेश बिंदु खुले थे. सड़क किनारे कुछ दुकानें खुली दिखाई दीं, जबकि अन्य बंद रहीं.

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8-सरकार छात्रों से बातचीत के लिए तैयार
कानून मंत्री अनीसुल हक ने कहा कि सरकार ने प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ बातचीत के लिए बैठक करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, ‘जब भी वे सहमत होंगे, हम बैठक करेंगे.’

कानून मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा बुधवार को किए गए वादे के अनुसार हिंसा की जांच के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश खोंडकर दिलिरुज्जमां के नेतृत्व में गुरुवार को एक न्यायिक जांच समिति का गठन किया गया.

9-आंदोलनकारियों ने सत्तारूढ़ पार्टी की स्टूडेंट विंग पर लगाए गंभीर आरोप
विरोध प्रदर्शनों में शामिल छात्रों के मुख्य समूह ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ ने कहा कि प्रधानमंत्री के शब्द निष्ठाहीन हैं और ‘यह उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हत्याओं एवं तबाही को प्रतिबिंबित नहीं करता है.’ प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ पार्टी की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र लीग पर आरोप लगाया कि वह पुलिस के समर्थन से उनके ‘शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन’ पर हमला कर रही है.

10-क्या है प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग
ढाका और अन्य शहरों में यूनिवर्सिटी छात्र 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए कुछ सरकारी नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.

वर्तमान आरक्षण प्रणाली के तहत 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियाँ आरक्षित हैं, जिनमें से 30 प्रतिशत 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए, 10 प्रतिशत पिछड़े प्रशासनिक जिलों, 10 प्रतिशत महिलाओं, पांच प्रतिशत जातीय अल्पसंख्यक समूहों और एक प्रतिशत नौकरियां दिव्यांगों के लिए आरक्षित हैं.

प्रदर्शनकारी दिव्यांग लोगों और जातीय समूहों के लिए छह प्रतिशत कोटे का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन वे स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के वंशजों को आरक्षण के खिलाफ हैं. 

इस प्रणाली को 2018 में निलंबित कर दिया गया था, जिससे उस समय इसी तरह के विरोध प्रदर्शन रुक गए थे. लेकिन, पिछले महीने बांग्लादेश के हाई कोर्ट ने स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले नायकों के परिवार के सदस्यों के लिए 30 प्रतिशत कोटा बहाल करने का आदेश दिया. इससे नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।

पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर चार हफ्ते के लिए रोक लगा दी थी. चीफ जस्टिस ने प्रदर्शनकारियों से कहा था कि वे विरोध-प्रदर्शन समाप्त कर अपनी कक्षाओं में वापस लौट जाएं. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह चार सप्ताह के बाद इस मुद्दे पर फैसला करेगा. इसके बावजूद, विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है. 

(इनपुट – एजेंसी)

(Photo courtesy- Reuters)

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