मध्य प्रदेश के धार में भोजशाला मामले पर एएसआई सर्वे की रिपोर्ट पिछले दिनों हाईकोर्ट में पेश हुई थी। इसे आज कोर्ट में खोला जाना था। मामले में आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सभी पक्षों की बात सुनी। हाई कोर्ट में कुछ पक्षकारों ने कहा कि उन्हें एएसआई ने सर्वे की कॉपी नहीं दी है। इसको लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई है।
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जागरण न्यूज नेटवर्क, इंदौर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने आज धार की भोजशाला के मामले में सभी पक्षकारों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रखा। कुछ पक्षकारों ने कोर्ट को बताया कि एएसआई ने अब तक हमें सर्वे रिपोर्ट की कॉपी नहीं दी है। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि आपको स्पष्ट कहा था कि सभी पक्षकारों को सर्वे रिपोर्ट की कॉपी देना है। आप दे दीजिए।
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मौलाना कलामुद्ददीन वेलफेयर सोसायटी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद आनलाइन उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट बहुत विस्तार है। हमें इसका अध्ययन करने के लिए समय दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होनी है। इसलिए हाई कोर्ट में सुनवाई चार सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दी जाए ताकि जब तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी आ जाएगा और हम सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन भी कर लेंगे।
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1 अप्रैल को दिए स्टे को निरस्त करने की मांग
हिंदू फ्रंट फार जस्टिस की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन भी आनलाइन उपस्थित हुए और उन्होंने कोर्ट को बताया कि हमने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन देकर 1 अप्रैल 2024 को दिए स्टे को निरस्त करने की मांग की है। इस आवेदन पर दो सप्ताह के भीतर सुनवाई होने की संभावना है। सुनवाई के दौरान दरगाह की तरफ से उपस्थित हुए वकील ने कहा कि हमें अब तक कापी नहीं मिली है।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का करें इंतजार’
इस पर एएसआइ के वकील हिमांशु जोशी ने कोर्ट को बताया कि वे याचिकाओं में पक्षकार ही नहीं है। इस पर कोर्ट ने जोशी की बात स्वीकार कर ली और कहा कि जो पक्षकार हैं उन्हें कॉपी अनिवार्य रूप से दे दें। कोर्ट ने सभी पक्षकारों को सुनने के बाद कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। हमें वहां के आदेश का इंतजार करना चाहिए। हम इस मामले में जल्द ही आदेश जारी करेंगे।